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Darbhanga: पानी के ऊपर लेटा रहता है 70 साल का ये शख्स, बताया अपने हेल्दी रहने का राज

दरभंगा के कमतौल इलाके में 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग का जल योग चर्चा का विषय बना रहता है. वह तालाब में न सिर्फ तैरते हैं बल्कि अलग-अलग तरह के जल योग भी करते हैं. कमतौल इलाके में रहने वाले विमल किशोर झा ने बताया कि शव की तरह पानी मे तैरने की कला उन्हें अपने चाचा से सीखा हैं. वे 40 साल से लगातार योग करते आ रहे है. तालाब के पानी में वे 5 से 7 घंटे तक लेटे रह सकते हैं.

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जल योग करते विमल किशोर झा (फोटो आजतक)
जल योग करते विमल किशोर झा (फोटो आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 70 साल की उम्र में जल योग
  • पानी में 5 से 6 घंटे लेटे रह सकते हैं
  • जल योग करने से कोई बीमारी नहीं हुई

दरभंगा के कमतौल इलाके में 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग का जल योग चर्चा का विषय बना रहता है. वह तालाब में न सिर्फ तैरते हैं बल्कि अलग-अलग तरह के जल योग भी करते हैं. तालाब में कुछ देर तैरते हैं फिर आराम से तालाब के पानी में ही लेट जाते है. बिना शरीर में कोई हलचल किए तालाब के पानी के ऊपरी सतह पर घंटों तैरते रहते हैं, लेकिन वे डूबते नहीं है.

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कमतौल इलाके में रहने वाले विमल किशोर झा ने बताया कि शव के तरह पानी में तैरने की कला उन्होंने अपने चाचा से सीखा है. वे 40 साल से लगातार योग करते आ रहे हैं. तालाब के पानी में वे 5 से 7 घंटे तक लेटे रह सकते हैं. उनका मानना है कि लगातार ऐसे योग करने के कारण उन्हें कोई बीमारी नहीं हुई है. न ही उनको ब्लड प्रेशर की शिकायत है न ही शुगर जैसी कोई बीमारी हुई. यही कारण है कि वे आज भी इस उम्र में रोजाना एक से दो घंटा तालाब में जल योग जरूर करते हैं. कुछ लोगों को उन्होंने यह योग सिखाया भी है. आज भी कुछ बच्चों को यह योग सिखाने का काम करते हैं.

एक से दो घंटा तालाब में जल योग करते हैं 

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योग गुरु निर्भय भारद्वाज ने बताया कि इस योग को करने के लिए लगातार एक से दो महीने तक का समय लग जाता है. इस योग में शुरुआत में सांस को ऊपर खिंच कर रोकना पड़ता है. पानी में खड़ा रहना पड़ता है. शरीर एक गुब्बारे की तरह हो जाता है. तब शरीर को हल्के से पांव के सहारे ऊपर धकेल दिया जाता है. तब शरीर पानी के ऊपरी सतह पर तैरने लगता है.

जल योग करते विमल किशोर झा (फोटो आजतक)
जल योग करते विमल किशोर झा (फोटो आजतक)

 

निरंतर अभ्यास करने से मिली सफलता 

यह काम आसान नहीं, लेकिन निरंतर अभ्यास से इसे करने में सफलता होती है. इस योग को जल योग और जल कीड़ा भी कहते हैं और इसे करने वाले लोगों का तन और मन दोनों साफ रहता है. कभी किसी तनाव में वह व्यक्ति नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि एक समय के बाद सांस सामान्य रूप से लेते रहने के बाद भी पानी में व्यक्ति लेटे रह सकता है.

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