बिहार में एक तरफ जहां लगभग सभी दलों ने दूसरे चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, वहीं कांग्रेस इस मामले में सबसे लेट चल रही है. बताया जा रहा है कि अब जल्द ही लिस्ट आ जाएगी, लेकिन सवाल वही है कि आखिर कांग्रेस क्यों स्लो मोशन में है?
सूत्रों के मुताबिक, लेटलतीफी का आलम ये है कि पार्टी आलाकमान ने कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति को दूसरे और तीसरे चरण के सभी उम्मीदवारों की लिस्ट एक साथ जारी करने को कह दिया है. दरअसल कांग्रेस को लगता है कि जितनी देर हो रही है उतना ही इस महागठबंधन में उसका बिग ब्रदर आरजेडी उम्मीदवारों को लेकर तोलमोल कर रहा है. दूसरी बात ये है कि नेता दिल्ली में बैठकों की जगह बिहार के रण में टाइम बिताएं.
बिहार में धरातल पर आई कांग्रेस को उम्मीदवार ढूंढने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं. ऐसे में बाहर से आए नेताओं को धड़ल्ले से टिकट मिल रहा है. वहीं तमाम दिग्गज नेता अपने रिश्तेदारों के लिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं. दूसरे-तीसरे चरण के चुनाव में बची 49 सीटों में भाई-भतीजावाद हावी होता नजर आ सकता है.
वहीं, कुछ नेताओं के खिलाफ अफवाहबाजी भी तेज हो रही है और पार्टी को तरह-तरह के खंडन करने पड़ रहे हैं, जिससे पार्टी को नुकसान सहना पड़ सकता है. पहली लिस्ट के बाद पार्टी में फैले असंतोष को बुझाना आसान काम नहीं है. पार्टी के कार्यकर्ता आया राम, गया राम नेताओं की आवभगत से परेशान हैं. भाई-भतीजावाद भी चरम पर है.
शरद यादव की बेटी ने कांग्रेस का हाथ थामा
बुधवार को ही शरद यादव की बेटी सुभाषणी यादव ने कांग्रेस का हाथ थामा है. वो मधेपुरा की बिहारीगंज से टिकट मांग रही हैं. वहीं, पहले चरण में होने वाले चुनाव में सदानंद के बेटे शुभानंद मुकेश को कहलगांव से और पूर्व मंत्री अवधेश कुमार के बेटे शशि शेखर सिंह को वजीरगंज से टिकट मिल गया है.
मीरा कुमार देवर के लिए मांग रही हैं टिकट
मीरा कुमार अपने देवर के लिए सासाराम असेंबली सीट से टिकट मांग रही हैं. वहीं, पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने साले साहब के लिए अर्जी डाल रखी है. पार्टी आलाकमान को शत्रुघ्न सिन्हा की तरफ से कई रिक्वेस्ट आ चुकी है. वो चाहते हैं कि उनका बेटा पटना शहर की बांकीपुर विधानसभा से चुनाव लड़े. इस लिस्ट में राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह का भी नाम है जो अपने बेटे के लिए पश्चिमी चंपारण से टिकट मांग रहे हैं.