बिहार में असली बहार किसी की है, तो वो बाहुबलियों की बहार है. राजनीति का मौसम कोई भी हो, राज किसी का भी हो, राजनीति कितनी भी बदल जाए, बिहार की राजनीति में बाहुबली सदाबहार हैं. चाहे कोई कितने भी दावे करे, इनका ज़माना कभी नहीं गया. बाहुबलियों और अपराधियों का जोड़ राजनीति में बहुत मजबूत हो चुका है और इसे फिलहाल तोड़ पाना बहुत मुश्किल है. इस बार के चुनाव में भी कैसे बिहार में बाहुबलियों का बोलबाला है, कैसे एक और खतरनाक ट्रेंड बिहार की राजनीति में चल पड़ा है, इसे आज देखना और समझना बहुत ज़रूरी है. राजनीति का अपराधीकरण, हमारे नेताओं की पोल खोल रहा है.