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MP-राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में भी बगावती सुर, पहली लिस्ट में इन विधायकों के कटे टिकट

भाजपा ने वर्तमान 13 विधायकों में सिर्फ एक विधायक का टिकट काटा है. हालांकि इस सीट से प्रत्याशी घोषित करना बाकी है. भाजपा ने बिंद्रा नवागढ़ से डमरूधर पुजारी का टिकट काटकर गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं.

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बीजेपी और कांग्रेस ने विधायकों के टिकट काटे हैं
बीजेपी और कांग्रेस ने विधायकों के टिकट काटे हैं

छत्तीसगढ़ की पहली सूची में 30 में से मौजूदा आठ विधायकों के टिकट कट गए हैं. उनके टिकट काटने के पीछे की वजह क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी के साथ- साथ पार्टी नेताओं से ताल मेल ना होना माना जा रहा है, भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में 85 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. भाजपा ने वर्तमान 13 विधायकों में सिर्फ एक विधायक का टिकट काटा है. हालांकि इस सीट से प्रत्याशी घोषित करना बाकी है. भाजपा ने बिंद्रा नवागढ़ से डमरूधर पुजारी का टिकट काटकर गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं.

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जिनके नाम कटे हैं, उनमें बस्तर संभाग के 12 सीट में से आठ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शामिल हैं, जबकि जगदलपुर से अभी प्रत्याशी के नाम की घोषणा होनी बाकी है. जिन विधायकों को टिकट से हाथ धोना पड़ा है, उनमें अंतागढ़ से अनूप नाग, कांकेर से शिशुपाल चोरी, चित्रकोट से राजमन बेंजाम, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, पंडरिया से ममता चंद्राकर, खुज्जी से चन्नी साहू डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर बघेल, नवागढ़ से गुरु दयाल बंजारे. आइए जानते हैं क्या वजह रही विधायकों के टिकट काटने की-

1. अंतागढ़ से अनूप नाग विधायक हैं, जिनका टिकट कट गया है. अनूप नाग पुलिस इंस्पेक्टर पद पर रिटायर्ड होने के बाद कांग्रेस के टिकट से पहली बार विधायक चुने गए थे. उनके टिकट काटने की पीछे जो कारण माना जा रहा है, इसमें बंग समाज के में उनकी नाराजगी देखने को मिली. यह समाज खुलकर इनका विरोध कर रहा था. अंतागढ़ में करीब 30% मतदाता इस समाज से हैं. अनूप नाग विधायक तो बन गए लेकिन स्वभाव में अधिकारी वाले रौब में परिवर्तन नहीं ला पाए. ये भी कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी उत्पन्न करने का वजह बनी.

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2. कांकेर में कांग्रेस ने अपने विधायक शिशुपाल सोरी का टिकट काट कर शंकर ध्रुव को प्रत्याशी बनाया है. शिशुपाल सोरी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. पिछली बार कांकेर से पहली बार विधायक चुनकर आए. उनका टिकट काटने की पीछे उनकी बढ़ती उम्र और लगातार अस्वस्थ रहना कारण माना जा रहा है. इसके साथ ही अधिकारी वाले प्रभाव से बाहर ना निकल पाना, जनता से जुड़ाव और कार्यकर्ताओं के बीच संबंध स्थापित करने में बड़ा रोड़ा बना. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी कारण से उनका टिकट कट गया है.

3. दंतेवाड़ा से कांग्रेस ने विधायक देवती कर्मा का टिकट काटकर छबिंद्र महेंद्र कर्मा को प्रत्याशी बनाया है. छबिंद्र कर्मा देवीती कर्मा के पुत्र हैं. 2018 के चुनाव में दोनों के बीच टिकट को लेकर खींचतान भी सामने आई थी. लेकिन 2018 में पार्टी ने देवती कर्मा को उम्मीदवार बनाया. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उपचुनाव में देवती कर्मा विधायक बन गईं और अब बढ़ती उम्र और पारिवारिक राजनीति विरासत का सफर आगे जारी रहे इसलिए अपने स्थान पर पुत्र को टिकट देने में सहमति जाहिर की थी.

4. पंडरिया विधानसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक ममता चंद्राकर का टिकट काटकर नीलकंठ चंद्रवंशी को प्रत्याशी बनाया है क्षेत्र में कम सक्रियता एवं एंटी-इनकंबेंसी को कारण माना जा रहा है इसके साथ ही पति के सरकारी नौकरी में होने के बावजूद क्षेत्र में उनके हस्तक्षेप से कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों में नाराजगी थी इसलिए टिकट कटने के पीछे ये वजह माना जा रहा है.

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5. नवागढ़ से विधायक गुरु दयाल बंजारे का टिकट काटकर कांग्रेस ने अपने मंत्री गुरु रुद्र कुमार को यहां से प्रत्याशी बनाया है. मंत्री गुरु रुद्र कुमार की सीट बदलने की वजह से माना जा रहा है. मौजूदा विधायक के टिकट कटने का कारण बताया जा रहा है. साथ ही सर्वे में यह भी जानकारी मिली कि क्षेत्र में उनके प्रति एंटी इनकबेसी और कार्यकर्ता नाराज हैं जो कि टिकट काटने का कारण है.

6. डोंगरगढ़ से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक भुवनेश्वर राम बघेल का टिकट काटकर हर्षिता बघेल को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है. टिकट काटने की वजह क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को माना जा रहा है. इसके साथ ही महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाने के लिहाज से और मौजूदा विधायक की स्थिति कमजोर थी.

7. चित्रकूट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक राजमन बेंजाम को टिकट न देकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को चित्रकूट से प्रत्याशी बनाया है. चित्रकूट से 2018 में दीपक बैज ही बने थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में दीपक बैज के सांसद बनने के कारण हुए उपचुनाव में राजमन बेंजाम को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था और वे विधायक बने थे. 2023 के चुनाव में दीपक बैज में चित्रकूट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, जिसके बाद उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया गया है.

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8. खुज्जी सीट से छन्नी साहू का टिकट कट गया है. यहां से कांग्रेस ने भोला राम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है. इनके टिकट कटने का वजह भी उनका क्षेत्र में परफॉर्मेंस खराब होने के साथ साथ क्षेत्र में पारिवारिक हस्तक्षेप, कार्यकर्ताओं में नाराजगी के कारण उनका टिकट काटा गया है.

9. भाजपा ने अपने 85 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिसमें वर्तमान में 13 काबिज विधायकों में सिर्फ एक विधायक का टिकट कटा है. जबकि एक विधानसभा क्षेत्र का टिकट रोक के रखा है. टिकट काटने वाले विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक डमरू धार पुजारी का टिकट काटकर गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. टिकट काटने के पीछे यहां भी भाजपा विधायक के प्रति अंतर्म केंपेक और भाजपा के द्वारा कराए सर्वे में स्थिति कमजोर होने को विधायक का टिकट काटने का कारण माना जा रहा है. जबकि दिल तारा विधानसभा से रजनीश सिंह भाजपा के विधायक हैं फिलहाल भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.

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