छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल (फाइल फोटो) Chhattisgarh Exit Poll 2023: तीन दिसंबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं. इन चुनावी राज्यों में एक प्रदेश छत्तीसगढ़ भी है, जहां दो चरणों में वोटिंग हुई थी. वहां वोट प्रतिशत 76.31 फीसदी रहा जो साल 2018 के मुकाबले (76.88) मामूली नीचे था. यहां फेज-1 में 20 सीटों पर चुनाव हुए थे, तो वहीं फेज 2 में बाकी बची 70 सीटों पर वोटिंग हुई थी. चुनाव के नतीजों से पहले सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी दोनों में हलचल है. छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटे हैं, इनमें कांग्रेस का दावा है कि वह 75 सीटें जीतेगी. India Today Axis My India के exit poll में देखें कैसा रहने वाला है चुनावी हाल
Exit Poll में सामने आया है कि कांग्रेस को पुरुषों के 43 फीसदी वोट मिले हैं तो वही 41 फीसदी महिलाओं ने कांग्रेस को चुना है. दूसरी ओर सिर्फ 39 फीसदी पुरुषों ने बीजेपी को चुना है तो वहीं 43 फीसदी महिलाओं ने बीजेपी को वोट किया है. BSP+GGP को 6 फीसदी पुरुषों ने और 6 फीसदी ही महिलाओं ने वोट किया. अन्य को 12 फीसदी वोट पुरुषों के और 10 फीसदी वोट महिलाओं के प्राप्त हुए.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी अधिक वोट नहीं पड़े हैं. महंगाई के मुद्दे पर 1 फीसदी और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी 1 फीसदी वोट पड़े हैं.
1. महंगाई के मुद्दे पर- 1 फीसदी
2. बेरोजगारी के मुद्दे पर- 1 फीसदी
3. सीएम भूपेश बघेल के कारण- 1 फीसदी
4. अन्य/पता नहीं- 4 फीसदी
1. कांग्रेस द्वारा किए गए वादों के कारण- 2 फीसदी
2. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिला- 2 फीसदी
3. बीजेपी द्वारा किए दए वादों के कारण- 2 फीसदी
4. आरक्षण के कारण- 2 फीसदी
5. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के कारण- 1 फीसदी
इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक राज्य में सबसे अधिक वोट पंसद की पार्टी को ध्यान में रखकर डाले गए हैं. इसके अलावा पीएम मोदी के कारण सिर्फ 5 फीसदी वोट पड़े हैं, वहीं सीएम उम्मीदवारी के कारण 3 फीसदी वोट ही पड़े हैं. राज्य सरकार की योजनाओं पर सिर्फ 2 फीसदी वोट डाले गए हैं.
1. पीएम मोदी के कारण- 5 फीसदी
2. वर्तमान केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया- 4 फीसदी
3. सीएम उम्मीदवार के कारण- 3 फीसदी
4. पिछली बीजेपी सरकार के काम के कारण- 3 फीसदी
5. राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिला- 2 फीसदी
इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक राज्य में इस बार मतदाताओं ने न महंगाई, न बेरजोगारी और न सियासी वादे के आधार पर मतदान किया है, बल्कि सबसे अधिक वोट पंसद की पार्टी को ध्यान में रखकर डाले गए हैं. Exit Poll में सामने आया है कि लोगों ने पसंद की पार्टी पर 20 फीसदी मतदान, पसंदीदा विधायक उम्मीदवार पर 10 फीसदी और कांग्रेस द्वारा किसानों की कर्जमाफी पर 10 फीसदी वोट पड़े हैं.
एग्जिट पोल में पूछे गए सवालों के जवाब में जानें, छत्तीसगढ़ में किन मुद्दों के आधार पर डाले गए वोट-
1. पसंद की पार्टी- 20 फीसदी
2. पसंदीदा विधायक उम्मीदवार- 10 फीसदी
3. राज्य के विकास के लिए- 10 फीसदी
4. कांग्रेस द्वारा किसानों की कर्जमाफी और और धान खरीदी- 10 फीसदी
5. वर्तमान राज्य सरकार ने अच्छा काम किया- 9 फीसदी
6. परिवर्तन होना चाहिए- 8 फीसदी
Exit Polls पर छत्तीसगढ़ की पूर्व सीएम रमन सिंह की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि, 'जो गैप दिखाया जा रहा है, वो चाहे सरगुजा का हो या बस्तर सीट का, उन सीटों को अगर एनालिसिस किया जाए तो स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी और ज्यादा सीटों पर जीतेगी. कहीं न कहीं 52 से 57 सीटों पर बढ़त लेकर भाजपा छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.'
Exit Poll से सामने आए सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को अधिक सीटें मिल सकती हैं. सीएम भूपेश बघेल भी कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं. उन्होंने आजतक से बात करते हुए 75 सीटों पर जीत की बात कही. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'अपनी मेहनत पर हमको विश्वास है, जनता पर भरोसा है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीत दर्ज करेगी.'
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और कुशासन के मुद्दों को बीजेपी ने जमकर उछाला साथ ही, पार्टी के प्रचार अभियान का शुरुआती चरण सनातन के मुद्दे पर केंद्रित नजर आया तो वहीं अंतिम चरण में राम मंदिर का मुद्दा भी खूब उछला था.
छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भ्रष्टाचार, महादेव ऐप बेटिंग केस को मुद्दा बनाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव तक इन मुद्दों महादेव ऐप के साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर बघेल सरकार पर हमलावर रहे. दूसरी तरफ, कांग्रेस अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच गई. कांग्रेस ने भरोसे की सरकार का नारा दिया और इसी थीम पर प्रचार को केंद्रित भी रखा.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 41% वोट उनकी झोली में जाते हुए दिख रहे हैं. वहीं कांग्रेस के पिटारे में 42% वोट जाते दिख रहे है. सर्वे के मुताबिक दोनों के प्राप्त वोटों के अनुमान में सिर्फ 1 प्रतिशत का अंतर है. देखिए वीडियो
इस बार मुकाबला बहुत कांटे का है. मैदान में 4-6 उम्मीदवार छोटे दल और निर्दलीय ऐसे मैदान में हैं, जो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में अहम रोल निभा सकते हैं. इन दलों में बसपा, जीजीपी, सीपीआई शामिल हैं.
मुख्यमंत्री किसे होना चाहिए? सर्वे में पूछे गए इस सवाल में 'काका' यानी भूपेश बघेल नबर बन हैं. 31 फीसदी लोगों ने बघेल के नाम पर मुहर लगाई है, जबकि रमन सिंह के नाम पर 21 फीसदी लोगों ने मुहर लगाई है. टी.एस सिंह देव को महज 2 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में देखा है.
बीजेपी बस्तर क्षेत्र में आगे चल रही है, जो सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात है. कारण, परंपरागत रूप से पिछले चुनावों में इस क्षेत्र में कांग्रेस आगे रही है. छत्तीसगढ़ में BJP महिलाओं, शहरी आबादी, ओबीसी और सामान्य जाति के लोगों के साथ और युवाओं (18-35 आयु) के बीच आगे चल रही है. वहीं, पुरुषों, ग्रामीणों, एससी, एसटी और मुस्लिमों में कांग्रेस आगे चल रही है.
2018 में बीजेपी बहुत बुरी तरह हार गई और दोनों पार्टियों के बीच 10% वोट शेयर अंतर के साथ कुल 90 सीटों में से केवल 15 सीटें ही जीत सकी. मुख्य कारण यह है कि एससी/एसटी/ओबीसी और यहां तक कि उच्च जाति ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया, लेकिन इस बार बीजेपी ओबीसी, विशेष रूप से साहू (14% जनसंख्या) और उच्च जाति का बड़े स्तर पर वोट हासिल कर सकती है.
कांग्रेस का घोषणापत्र 5 नवंबर को सामने आया था, जबकि बीजेपी ने इससे पहले 3 नवंबर को अपना घोषणापत्र घोषित किया था. कांग्रेस के घोषणापत्र में "किसान ऋण माफ़ी" ने बहुत से किसानों को आकर्षित किया, जिससे स्थिति बदल गई, इससे फिर से कांग्रेस के पक्ष में लहर आने का अनुमान है.
Chhattisgarh exit poll 2023: छत्तीसगढ़ में BJP महिलाओं, शहरी आबादी, ओबीसी और सामान्य जाति के लोगों के साथ और युवाओं (18-35 आयु) के बीच आगे चल रही है. वहीं, पुरुषों, ग्रामीणों, एससी, एसटी और मुस्लिमों में कांग्रेस आगे चल रही है.
छत्तीसगढ़ में बतौर सीएम कौन पसंद है. सर्वे में इसका भी जवाब सामने आया है. इसमें 31 प्रतिशत की पसंद मौजूदा सीएम भूपेश बघेल हैं तो वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह को 21 प्रतिशत वोट मिले हैं.
छत्तीसगढ़ में सीएम पसंद कौन?
भूपेश बघेल- 31%
रमन सिंह- 21%

छत्तीसगढ़ में 16,270 लोगों के बीच ये चुनावी सर्वे किया गया है. इसमें 77 प्रतिशत ग्रामीण और 23 प्रतिशत शहरी लोगों के बीच सर्वे किया गया और इनसे मिले आंकड़ों को Exit Poll में शामिल किया गया है. इसके साथ ही आंकड़ों में शामिल किए गए तथ्य 56 प्रतिशत पुरुषों और 44 प्रतिशत महिलाओं के बीच सर्वे करके निकाले गए हैं. इसी आधार पर Exit Poll का सर्वे कहता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. हालांकि कांग्रेस सरकार बनाएगी या नहीं, ऐसा साफ नहीं है, लेकिन पार्टी को ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है.
छत्तीसगढ़ में भाजपा के घोषणापत्र ने लोगों को विशेष रूप से आकर्षित किया है.
- महिलाएं और किसान.
- विवाहित महिलाओं को 12,000 रुपये प्रति वर्ष।
- एलपीजी सिलेंडर रु. गरीबों को 500 रु
- रु. भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10,000 रु
- प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी
छत्तीसगढ़ के Exit Poll में जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसके मुताबिक, कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. लेकिन एक महीने पहले बीजेपी को काफी बढ़त मिलती दिख रही है.
मतदान की तारीख और इस प्रकार कांग्रेस को भाजपा पर बहुत कम बढ़त हासिल है.
Exit Poll के आंकड़े आने शुरू हो गए हैं. ताजा आए आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सामने आया है कि छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस को 36 से 46 सीटों पर भाजपा को जीत मिल सकती तो वहीं कांग्रेस को 40 से 50 सीटों पर जीत मिल सकती. इसमें भी अन्य को जो सीटें मिल सकती हैं उनके आंकड़े 1 से 5 तक हैं. 
Exit Poll के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को टाइट फाइट मिल रही है. यहां कांग्रेस को 40-50 सीटें मिलने का अनुमान है. तो वहीं बीजेपी को 36 से 46 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. बता दें कि यहां 7 व 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी. छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर वोटिंग हुई थीं.
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोटिंग हुई थी. वहां वोट प्रतिशत 76.31 फीसदी रहा जो साल 2018 के मुकाबले (76.88) मामूली नीचे था. छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर चुनाव हुए थे.