छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं. पहले चरण में सूबे की 90 में से 20 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है. पहले चरण की सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट अब आई है. 30 उम्मीदवारों की इस लिस्ट में पार्टी ने पहले चरण की 20 में से 19 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है जबकि जगदलपुर विधानसभा सीट से पार्टी ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी ने पाटन सीट से ही मैदान में उतारा है जबकि डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी अंबिकापुर सीट से चुनावी रणभूमि में होंगे. कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के साथ ही सूबे की सरकार के सभी मंत्रियों को टिकट दिया है. अमरजीत भगत सीतापुर, उमेश पटेल खरसिया, जयसिंह अग्रवाल कोरबा, शिवकुमार डहरिया आरंग, अनिला भेड़िया डौंडी लोहारा, रविंद्र चौबे साजा, मोहम्मद अकबर कवर्धा और कवासी लखमा कोंटा सीट से चुनाव मैदान में हैं.
कांग्रेस ने बघेल सरकार के किसी मंत्री का टिकट नहीं काटा है लेकिन एक मंत्री की सीट बदली गई है. पार्टी ने अहिवारा से विधायक गुरु रुद्र कुमार को नवागढ़ से चुनाव मैदान में उतारा है. विधानसभा के स्पीकर चरणदास महंत को भी पार्टी ने सक्ति सीट से उम्मीदवार बनाया है. 90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी 30 उम्मीदवारों की लिस्ट में बीजेपी वाली रणनीति साफ झलक रही है. अब कांग्रेस की इस लिस्ट में बीजेपी वाली रणनीति क्या है?
सीटिंग विधायकों के टिकट काटने की रणनीति
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्यों के चुनाव हों या आम चुनाव, हर चुनाव में कुछ सीटिंग विधायकों-सांसदों के टिकट काटती है. कहा जाता है कि ये फॉर्मूला एंटी इनकम्बेंसी की काट में सहायक होता है. 30 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट में कांग्रेस की भी यही रणनीति झलक रही है. कांग्रेस ने 30 में से आठ सीटों पर चेहरे बदल दिए हैं.
कांग्रेस ने नवागढ़ के विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे, पंडरिया की विधायक ममता चंद्रकार, डोंगरगढ़ के भुनेश्वर सिंह बघेल, खुज्जी के छन्नी साहू, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांकेर के शिशुपाल शोरी, चित्रकोट से राजमन बेंजाम और दंतेवाड़ा विधायक देवंती कर्मा का इसबार टिकट काट दिया है. हालांकि, देवंती की जगह कांग्रेस ने उनके ही बेटे छवींद्र कर्मा पर दांव लगाया है.
सांसद को भी विधानसभा चुनाव का टिकट
कांग्रेस ने सीटिंग विधायकों के टिकट काटने के साथ ही बीजेपी वाली एक और रणनीति अपनाई है. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ चुनाव में सांसद दीपक बैज को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है. दीपक बैज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. वह चित्रकोट सीट से चुनाव मैदान में हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि दूसरी सूची में पार्टी दीपक बैज के अलावा कुछ और बड़े चेहरों को भी मैदान में उतारने का ऐलान कर सकती है.
ओबीसी पर फोकस
कांग्रेस की इस लिस्ट में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 14 और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम हैं. 17 आरक्षित सीटें हटा दें तो सामान्य वर्ग की 13 सीटों के लिए पार्टी ने उम्मीदवारों का ऐलान किया है. 13 सामान्य सीटों में से नौ सीटों से पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से आने वाले नेताओं पर दांव लगाया है. ओबीसी के नौ में से तीन उम्मीदवार साहू समाज से हैं.
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कांग्रेस की ओर से साहू समाज के तीन नेताओं को टिकट देने के पीछे क्या है? चर्चा इसे लेकर भी हो रही है. दरअसल, अनुमानों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में साहू समाज की आबादी करीब 12 फीसदी है. साहू समाज को बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता था लेकिन पिछले चुनाव में कांग्रेस इस वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही थी. तब कहा तो ये भी गया कि ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद की रेस में थे इसलिए भी इस बिरादरी के मतदाताओं ने बड़ी तादाद में कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया.
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ताम्रध्वज साहू चुनाव मैदान में भी हैं और कांग्रेस में भी लेकिन बीजेपी के एक दांव ने सत्ताधारी दल को उलझा दिया है. दरअसल, बीजेपी ने सांप्रदायिक हिंसा की एक घटना में जान गंवाने वाले भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को साजा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया है. ऐसे में कांग्रेस के सामने साहू समाज का समर्थन बचाए रखने की चुनौती है.
चार महिलाओं को टिकट
कांग्रेस की पहली सूची में चार महिलाओं को भी टिकट मिला है. पार्टी ने बघेल सरकार में मंत्री अनिला भेड़िया को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित डोंडी लोहरा सीट से टिकट दिया है. कांग्रेस ने यशोदा वर्मा को खैरागढ़, हर्षिता स्वामी बघेल को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित डोंगरगढ़ और सावित्री मंडावी को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है.