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राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के चुनाव हैं और प्रचार का शोर भी शबाब पर है. बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां हो रही हैं, एक-दूसरे पर वार-पलटवार के साथ ही लोकलुभावन वादे किए जा रहे हैं. कौन सी पार्टी किस नेता को तरजीह दे रही है, किसे दरकिनार किया जा रहा है? प्रचार के शोर में लोगों की रुचि ये जानने में भी है.
राजनीति में संकेत की भाषा बड़ी महत्वपूर्ण होती है और इस भाषा को समझने का सबसे बढ़िया जरिया माने जाते हैं पोस्टर. किस पार्टी के चुनावी पोस्टरों में किसका प्रचार हो रहा है और कौन दरकिनार, कहा जाता है कि ये समझना है तो पोस्टस देख लीजिए. हिंदी पट्टी के इन तीन राज्यों में भी कौन जीतेगा, किसकी सरकार बनेगी जैसे सवालों के साथ एक और सवाल को लेकर खूब चर्चा हो रही है. वह सवाल है- बीजेपी की सरकार बनेगी तो सीएम कौन और कांग्रेस सत्ता में आई तो सीएम कौन?
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बीजेपी की बात करें तो राजस्थान हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हर जगह पार्टी के पोस्टर से लेकर प्रचार तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और तस्वीर छाई हुई है. छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए तो बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र भी मोदी की गारंटी नाम से जारी किया है. बीजेपी के हर चुनावी पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रमुखता के साथ नजर आ रही है. पीएम मोदी की बड़ी तस्वीर के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष अरुण साव की तस्वीर भी इसपर छपी है.
ये तो घोषणा पत्र की बात हुई. बीजेपी ने पिछले दिनों जब परिवर्तन संकल्प यात्रा निकाली तब उसके पोस्टर पर भी प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी तस्वीर लगी थी. पीएम मोदी की तस्वीर के नीचे डॉक्टर रमन और अन्य नेताओं की छोटी-छोटी तस्वीर थी.कहा तो ये भी जा रहा है कि ये रमन के लिए 'एग्जिट मैसेज' है. दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ कांग्रेस का चुनाव अभियान पूरी तरह से भूपेश बघेल के चेहरे के इर्द-गिर्द ही नजर आ रहा है. कांग्रेस के पोस्टर्स पर सीएम बघेल की बड़ी तस्वीर के साथ ऊपर मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की छोटी-छोटी तस्वीरें भी नजर आ रही हैं.
मध्य प्रदेश की बात करें तो बीजेपी की रणनीति यहां भी कमोबेश छत्तीसगढ़ वाली ही है. पार्टी के पोस्टर हों या चुनावी जनसभाएं, नाम और काम का शोर मोदी के ही हो रहा.बीजेपी के पोस्टर्स पर सीएम शिवराज, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की तस्वीरें भी नजर आ रही हैं लेकिन सबसे बड़ी और सबसे पहली तस्वीर तो पीएम मोदी की ही दिख रही.
कांग्रेस की बात करें तो सूबे में कांग्रेस के चेहरे को लेकर तस्वीर साफ है. 'कांग्रेस आएगी, खुशहाली लाएगी' अभियान के पोस्टर हों या चुनाव से जुड़े दूसरे पोस्टर, पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पोस्टर पर कमलनाथ की बड़ी तस्वीर नजर आ रही है. कांग्रेस के सोशल मीडिया कैंपेन की बात करें तो वहां भी कमलनाथ के लिए जनता का आशीर्वाद मांगते पोस्टर और पोस्ट भी नजर आ जाएंगे. खड़गे, राहुल और प्रियंका की भी पोस्टर्स पर मौजूदगी है.
राजस्थान की बात करें तो साल 2003 से ही वसुंधरा राजे सिंधिया सूबे में बीजेपी का चेहरा रही हैं लेकिन इसबार ऐसा नहीं है. बीजेपी ने साफ कह दिया है कि हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और उसका असर पार्टी के पोस्टर, चुनावी रैलियों में दिख भी रहा है. सूबे में पार्टी 'मोदी साथे राजस्थान' नाम से अभियान चला रही है. बीजेपी के हर पोस्टर पर पीएम मोदी की बड़ी तस्वीर नजर आ रही है. वसुंधरा और स्थानीय नेताओं की पोस्टरों पर मौजूदगी है भी तो कहीं कोने में छोटी सी तस्वीर.
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इसके उलट, कांग्रेस भले ही सीएम फेस का ऐलान किए बिना चुनाव मैदान में उतरी है. पार्टी के पोस्टर से लेकर चुनावी जनसभाओं तक, ये झलक रहा है कि सीएम अशोक गहलोत ही चेहरा हैं. पूरे किए वादे बताती लिस्ट का पोस्टर हो या कांग्रेस के लिए वोट की अपील का पोस्टर, पूरे प्रदेश के पोस्टरों में एक कॉमन बात है. वह है अशोक गहलोत की बड़ी तस्वीर. सचिन पायलट की 'पोस्टर प्रेजेंस' सीएम गहलोत के मुकाबले काफी कम नजर आ रही है.