दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी(AAP) के आगे कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) धराशायी हो गई हैं. जीत के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को नए विधायकों से मुलाकात करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर यह बैठक बुलाई है.
आम आदमी पार्टी जहां 62 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं भारतीय जनता पार्टी महज 8 सीटों पर सिमट गई है. कांग्रेस इस चुनाव में 2015 की ही तरह खाता तक खोलने में सफल नहीं हुई है. बीजेपी 2015 के चुनाव से 5 सीटें ज्यादा हासिल करने में सफल रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिटर्निंग अधिकारी से एमएलए सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत के बाद दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. मंगलवार शाम जब मनोज तिवारी मीडिया के सामने आए तो उनके चेहरे से पार्टी की हार साफ झलक रही थी.
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8 सीटों पर सिमटी बीजेपी
बीजेपी के लिए दिल्ली चुनाव की यह हार चुभने वाली है. शायद ही ऐसा कोई पार्टी का स्टार नेता हो जिसने दिल्ली में रैली न की हो. पार्टी के समर्थन में केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज उतारी गई थी लेकिन जीत महज 8 सीटों पर हासिल हुई. यह बीजेपी के लिए बड़ी हार मानी जा रही है.
राष्ट्रीय मुद्दों की राजनीति दिल्ली में बेअसर
अनुच्छेद 370, राम मंदिर, नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे मुद्दे भी बीजेपी को चुनाव में जीत नहीं दिला सके. जीत मिली तो अरविंद केजरीवाल के दावे के मुताबिक किए गए विकास को. दिल्ली में बीजेपी ने जिस तरह से कैंपनिंग की वह जनता में कारगर साबित नहीं हो सका. आम आदमी पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और फ्री-बिजली पानी को मुद्दा बनाया और दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
मनोज तिवारी ने हार की जिम्मेदारी
एग्जिट पोल के वक्त अपनी जीत तय मान रहे मनोज तिवारी चुनाव नतीजे के बाद दुखी नजर आए. उन्होने कहा कि दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष होने की वजह से हार की जिम्मेदारी मेरी है. पार्टी मानकर चल रही थी कि सत्ता से 21 साल का वनवास खत्म हो जाएगा लेकिन पार्टी महज 8 सीटों पर सिमट गई.
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जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अपनी जीत तय मान रहा था. नतीजे 12 बजे के बाद साफ होने लगे तो पार्टी के नेताओं के चेहरे पर गम साफ नजर आने लगा. इसका असर तब देखने को मिला जब दिल्ली बीजेपी मनोज तिवारी के दफ्तर पर मीडियाकर्मी तो डंटे दिखे लेकिन कार्यकर्ता नदारद.
बैठक में तय होगी नई जिम्मेदारी
मनोज तिवारी ने हार स्वीकर करते हुए कहा कि वे पार्टी की हार की समीक्षा करेंगे. उन्होंने केजरीवाल को बधाई दी, साथ ही कहा कि उम्मीद है वे दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति करेंगे. मनोज तिवारी ने कहा कि हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. हार निराशाजनक है. लेकिन यह वक्त धैर्यवान बने रहने का है.
अब विधायकों के साथ बैठक के बाद ही तय होगा कि अरविंद केजरीवाल इस बार, किसे क्या जिम्मेदारी देंगे. विधायकों के साथ बैठक के बाद तय होगा कि नए चुनकर आए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका मिलता है, या पुरानी भूमिका पर ही अरविंद केजरीवाल मुहर लगाएंगे.