दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 46 मौजूदा विधायकों पर एक बार फिर से भरोसा जताया है तो 24 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं. कई विधायकों के खिलाफ 'एंटी-इनकम्बेंसी फैक्टर' को देखते हुए केजरीवाल ने 15 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह कई सीटों पर पार्षदों पर दांव खेला है.
इन निगम पार्षदों को मिला टिकट
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की छह सीटों पर मौजूदा निगम पार्षदों को टिकट दिया है तो एक सीट पर पूर्व काउंसलर पर भरोसा जताया है. मौजूदा पार्षद जय भगवान उपकार को बवाना, चौहान बांगर से पार्षद अब्दुल रहमान को सीलमपुर, पार्षद हाजी यूनुस को मुस्तफाबाद, कल्याणपुरी से पार्षद कुलदीप कुमार को कोंडली और त्रिलाकपुरी ईस्ट से रोहित कुमार महरौलिया को त्रिलोकपुरी सीट से टिकट दिया है. इसके अलावा हरीनगर सीट से कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद रही राजकुमारी ढिल्लों को आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.
इन पार्षदों के अरमानों पर फिरा पानी
वहीं, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद कई निगम पार्षद के विधानसभा पहुंचने के अरमानों पर पानी फिर गया है. इनमें नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष सुरजीत पवार, साउथ एमसीडी की नेता विपक्ष किशनमती और साउथ एमसीडी के प्रवीण कुमार, नॉर्थ एमसीडी के अनिल लाकड़ा ने दावेदारी की थी, लेकिन इन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.
2015 में इन पार्षदों की खुली थी किस्मत
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस से जितने भी निगम पार्षद चुनावी मैदान में उतरे थे, उन सभी पार्षदों को हार का मुंह देखना पड़ा था. वहीं, आम आदमी पार्टी ने पांच पार्षद को टिकट दिया था और सभी जीतकर विधायक बनने में कामयाब रहे थे. AAP ने 2015 में पार्षद नरेश बाल्यान, रघुवेंद्र शौकीन, इमरान हुसैन, महेंद्र यादव और भावना गौड़ को टिकट दिया था, ये सभी पार्षद विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं. इनमें से इमरान हुसैन तो विधायक बनने के साथ-साथ मंत्री बनने में भी कामयाब रहे हैं.