दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख तय हो गई है. 8 फरवरी को मतदान होगा जबकि 11 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. चुनावी घोषणा के बाद ही राजनीतिक बयानबाजी और हमलों का दौर शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है. पोस्ट में लिखा है कि दिल्ली में विपक्ष की स्थिति: नो फेस, नो एजेंडा, नो वर्क.. यानी कि दिल्ली विपक्ष के पास न तो कोई चेहरा है, न ही एजेंडा है और न ही कोई काम है.
जाहिर है बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की है. उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने से दिल्ली में बीजेपी को ज्यादा फायदा हो सकता है. वहीं दिल्ली में सीएम के लिए कई उम्मीदवार हैं, जैसे- विजय गोयल, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता, गौतम गंभीर, डॉ. हर्षवर्धन, हरदीप सिंह पुरी और प्रवेश वर्मा. ऐसे में किसी एक के नाम की घोषणा के बाद पार्टी अंतर्कलह का शिकार भी हो सकती है.
'लोग तय करें कि आप और बीजेपी में किसने अच्छा काम किया'
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में मैंने बतौर मुख्यमंत्री सबके लिए काम किया है. वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के पास पुलिस, निगम और डीडीए की जिम्मेदारी है. वहीं, AAP के पास जल बोर्ड, PWD और अन्य विभाग की जिम्मेदारी है. अब लोग तय करेंगे कि AAP और बीजेपी में किसने अच्छा काम किया है?
दिल्ली के सीएम ने कहा कि यहां के लोगों ने मन बना लिया है. दिल्ली के लोग इस बार 70 में से 67 का रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं. दिल्ली चुनाव के लिए जनता, तैयार और उत्सुक है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस बार का चुनाव दिल्ली सरकार के काम पर होगा. वोट स्कूलों, अस्पतालों के नाम पर पड़ेगा, लोग खुशी से वोट देंगे. भारत के इतिहास में यह पहली बार होगा जब लोग काम की तुलना कर किसी पार्टी को वोट करेंगे.
सीएम केजरीवाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर काम किया है, तो वोट देना. अगर नहीं किया है तो वोट मत देना. पिछले 5 सालों के कामकाज का हिसाब लेकर सबके घर जाएंगे. हमने स्कूल अच्छे किए हैं, जिसमें AAP, कांग्रेस, बीजेपी सबके बच्चे पढ़ते हैं.
बता दें, निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान आठ फरवरी को होगा और मतगणना 11 फरवरी को होगी. इसके साथ ही दिल्ली में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है.
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इसके पहले 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को 70 में से 67 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी.