दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच राज्य का मूड पूरा चुनावी हो चुका है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार-बार अपने कामों की दुहाई दे रहे हैं तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह उन्हें सबसे बड़ा झूठा बता रहे हैं. वहीं कई मंत्री और नेता शाहीन बाग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि लॉ एंड ऑर्डर केंद्र सरकार के दायरे में आता है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बीजेपी, लोगों को हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर लाना चाह रही है. वहीं केजरीवाल हर बार शाहीन बाग के मुद्दे पर बोलने से परहेज कर रहे हैं.
बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने खास बातचीत की. इस दौरान जब केजरीवाल से पूछा गया कि आप शिक्षा की बात कर रहे हैं, बीजेपी हर दिन शाहीन बाग की बात कर रही है. क्योंकि लोगों को इसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है. लेकिन केजरीवाल इस मामले में चुप हैं क्यों?
इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि इस बार का चुनाव काम के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है. दिल्ली की जनता काम पर बात कर रही है. चुनावी भाषण के दौरान भी हम यही कहते हैं कि अगर हमने काम किया तभी हमें वोट करना. बीजेपी के पास असल में अब कोई रास्ता नहीं है चुनाव जीतने के लिए, तो वो लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाना चाहती है.
केजरीवाल ने आगे कहा, ' मैंने अमित शाह जी को कहा था कि दिल्ली की जनता ने आपको एमसीडी दी है. आप वहां के अच्छे काम गिनाइए. दिल्ली की जनता ने आपको पुलिस दे रखी है. आप पुलिस के अच्छे काम गिनाइए. दिल्ली की जनता ने आपको डीडीए दिया है, बताइए वहां आपने क्या अच्छा काम किया है? उनके पास पिछले पांच सालों में किया गया एक भी अच्छा काम नहीं है, इसलिए वो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर के बयान देते रहते हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. हम तो दिल्ली की जनता के लिए काम करना चाहते हैं. मुझे दिल्ली को ठीक करना है. जब मैं सत्ता में आया था तो महज 58 प्रतिशत इलाकों में नल से पानी पहुंचता था. लोगों के घरों में टैकरों से पानी पहुंचाया जाता था, इस वजह से पूरे राज्य में पानी माफिया का बोलबाला था. मैंने सत्ता में आते ही इस विषय पर प्रमुखता से काम करना शुरू किया. आज 93 प्रतिशत लोगों के घरों में पाइप से पानी पहुंचाया जा रहा है. बाकी के सात प्रतिशत इलाकों में भी काम चल रहा है.
केजरीवाल से पूछा गया कि आप राजनीतिक फायदे के लिए लोगों के अंदर मुफ्तखोरी की आदत डाल रहे हैं. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली की बजट में हमने टैक्स में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की इसके बावजूद हम फायदे में हैं, क्योंकि हमने ईमानदारी से काम किया है. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारे घाटे में हैं. अगर हमें फायदा मिल रहा है और इस महंगाई के बीच अगर हमने पानी और बिजली सस्ता कर जनता के पैसे बचा दिए तो क्या बुरा किया?
जहां तक मुफ्तखोरी की आदत का सवाल है तो सबसे पहले मंत्रियों और नेताओं को अपनी आदत बदलने की जरूरत है. गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने लिए 190 करोड़ का प्राइवेट हवाई जहाज खरीदा. मैंने इस पैसे का अपने लिए हवाई जहाज नहीं खरीदा और उनके बिजली पानी मुफ्त कर दिए, बसों में महिलाओं की यात्रा फ्री कर दी तो क्या गलत किया?
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बता दें दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 8 जनवरी को वोट डाले जाएंगे. वहीं 11 फरवरी को मतगणना होगी, यानी तय होगा कि दिल्ली में सरकार किसकी बनेगी.