अकाली दल के बाद अब जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने भी दिल्ली चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. जननायक जनता पार्टी का दावा है कि उसने चुनाव आयोग से चप्पल या चाबी चुनाव चिन्ह मांगा था, लेकिन दोनों नहीं मिला, इसलिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया.
जननायक जनता पार्टी ने दिल्ली चुनाव नहीं लड़ने के पीछे अपने फैसले को चुनाव आयोग की ओर से उनकी पसंद का चुनाव चिन्ह नहीं मिलने को मुख्य वजह बताया.
Haryana Deputy Chief Minister & JJP chief Dushyant Chautala: Jannayak Janata Party will not contest #DelhiAssemblyElections2020. pic.twitter.com/HiEcsxceaP
— ANI (@ANI) January 21, 2020
हालांकि राजनीतिक हलकों में यह खबर है कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने जाट वोट बैंक के आधार पर बाहरी दिल्ली की कई सीटों पर अपना दावा ठोंका था, लेकिन बीजेपी ने सीट देने से इनकार कर दिया. इसके बाद जेजेपी ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है.
पिछले साल हरियाणा में चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के बाद जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया और फिर पार्टी बीजेपी के साथ मिली-जुली सरकार में शामिल हो गई.
चुनावी कैंपेन की शुरुआत
इससे पहले जननायक जनता पार्टी के प्रमुख और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन शरू किया था. चुनावी कैंपेन की शुरुआत करते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली में भी उनकी पार्टी को चाबी चुनाव चिन्ह देने की अपील की थी.
दिल्ली के नजफगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस तरह जननायक जनता पार्टी (JJP) को हरियाणा में सत्ता की चाबी सौंपी थी, उसी प्रकार जनता दिल्ली में भी जेजेपी को विधानसभा की चाबी सौंप दे.
अकाली दल भी नहीं लड़ेगी चुनाव
इससे पहले अकाली दल भी दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया.
अकाली दल ने इसके पीछे वजह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को बताया. पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को कहा कि हमने टिकट या सीट को लेकर नहीं बल्कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर ये फैसला लिया है. गठबंधन पहले की तरह चलता रहेगा, लेकिन हम दिल्ली का चुनाव नहीं लड़ेंगे.