दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आजतक-एक्सिस के एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं. एग्जिट पोल में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक बार फिर भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है. आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को 59 से 68, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 2-11 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं कांग्रेस का बीते विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी खाता खुलना मुश्किल नजर आ रहा है. एग्जिट पोल में कांग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है.
एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि अनुच्छेद 370, राम मंदिर, तीन तलाक और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे मुद्दों पर 2 फीसदी से भी कम मतदाताओं ने ही बीजेपी का साथ दिया और अधिकांश मतदाता इन मुद्दों से बिदके नजर आए. एग्जिट पोल के मुताबिक, कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण केवल 2 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट दिया, जबकि सीएए के समर्थन में 1 फीसदी लोगों ने मतदान किया.
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एग्जिट पोल में हालांकि बताया गया है कि केंद्र सरकार के अच्छे काम की वजह से बीजेपी को 57 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से बीजेपी को 25 फीसदी लोगों ने वोट दिया है. एग्जिट पोल में बताया गया है कि स्थिर या मजबूत सरकार के मुद्दे पर 8 फीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट दिया है. जहां तक दिल्ली में सशक्त विकल्प न होने की बात है तो इस पर महज 1 फीसदी वोट बीजेपी के पक्ष में जाते दिख रहा है.
आजतक-एक्सिस का एग्जिट पोल
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण बीजेपी का बड़ा एजेंडा है और इस मुद्दे को वह काफी प्रमुखता से उठाती रही है. हालांकि एग्जिट पोल में बीजेपी को इसका कोई लाभ मिलता नजर नहीं आर रहा है क्योंकि राम मंदिर पर महज 1 फीसदी वोटर ही बीजेपी के पाले में जाते दिख रहे हैं. दूसरी ओर विकास कार्यों पर ध्यान नहीं होने के कारण 42 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट न देकर आम आदमी पार्टी या कांग्रेस को वोट दिया है. केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकार चाहते हुए 14 फीसदी मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी या कांग्रेस को वोट दिया है. हालांकि सीएए के विरोध में 1 फीसदी और अनुच्छेद 370 या राम मंदिर विवादों को प्राथमिकता देते हुए भी केवल 1 फीसदी वोटर्स ने ही आम आदमी पार्टी या कांग्रेस को वोट दिया है.
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आजतक-एक्सिस के एग्जिट पोल में मुख्यमंत्रियों को लेकर भी सर्वे कराया गया. इसमें बताया गया है कि दिल्ली के 54 फीसदी मतदाता अरविंद केजरीवाल को पसंद करते हैं, जबकि 21 फीसदी लोग मनोज तिवारी को बतौर मुख्यमंत्री पसंद करते हैं. हर्षवर्धन को 10 और अजय माकन को 4 फीसदी लोग मुख्यमंत्री बनता देखना चाहते हैं. मनीष सिसोदिया और विजय गोयल को 2 फीसदी और परवेश वर्मा व रमेश बिधूड़ी को 1 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद करते हैं. अन्य के खाते में 5 फीसदी लोग हैं.