आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली विधानसभा चुनाव में अशिक्षित तबके ने ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे तबके ने भी पसंद किया है. वहीं बीजेपी इसमें दूसरे स्थान पर रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एक्जिट पोल में सामने आया है कि आम आदमी पार्टी सहित दूसरी पार्टियों को किस वर्ग का कितना वोट मिला है.
आजतक के एग्जिट पोल में दिल्ली की कमान फिर से अरविंद केजरीवाल के हाथों में जाती दिख रही है. इसके के मुताबिक अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP को 59-68 से सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी 2-11 सीट पा सकती है. अगर शैक्षिक आधार पर वोटर की बात करें तो आम आदमी पार्टी को शिक्षित वर्ग के आधार पर इस प्रकार वोट दिये गये हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) को शैक्षणिक आधार पर वोट
निरक्षर लोग- 66 फीसदी वोट
8वीं तक पढ़ने वाले - 61 फीसदी वोट
10वीं पास- 56 फीसदी वोट
12वीं पास- 52 फीसदी वोट
ग्रेजुएट- 49 फीसदी वोट
पोस्ट-ग्रेजुएट- 37 फीसदी वोट
प्रोफेश्नल डिग्री धारक- 37 फीसदी वोट
भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शैक्षणिक आधार पर वोट
निरक्षर लोग- 24 फीसदी वोट
8वीं तक पढ़ने वाले - 30 फीसदी वोट
10वीं पास- 35 फीसदी वोट
12वीं पास - 41 फीसदी वोट
ग्रेजुएट- 44 फीसदी वोट
पोस्ट-ग्रेजुएट- 50 फीसदी वोट
प्रोफेश्नल डिग्री धारक- 50 फीसदी वोट
कांग्रेस पार्टी को शैक्षणिक आधार पर वोट
निरक्षर लोग- 6 फीसदी वोट
8वीं तक पढ़ने वाले - 5 फीसदी वोट
10वीं पास- 4 फीसदी वोट
12वीं पास - 3 फीसदी वोट
ग्रेजुएट- 5 फीसदी वोट
पोस्ट-ग्रेजुएट- 3 फीसदी वोट
प्रोफेश्नल डिग्री धारक- 7 फीसदी वोट
अन्य पार्टी को शैक्षणिक आधार पर वोट
निरक्षर लोग- 4 फीसदी वोट
8वीं तक पढ़ने वाले - 4 फीसदी वोट
10वीं पास- 5 फीसदी वोट
12वीं पास -4 फीसदी वोट
ग्रेजुएट- 2 फीसदी वोट
पोस्ट-ग्रेजुएट- 3 फीसदी वोट
प्रोफेश्नल डिग्री धारक- 6 फीसदी वोट
आपको बता दें, निरक्षर (illiterate) वो लोगे हैं जो पढ़- लिख नहीं सकते. जबकि ग्रेजुएट- किसी भी मान्यता संस्थान से B.A, B.Sc, B.Com किया हो. वहीं, पोस्ट ग्रेजुएट- M.A,M.Sc, M.Com, M.Phil, Phd और प्रोफेश्नल डिग्री धारक- B.E, M.B.B.S, B.Tech, M.E, M.Tech, MBA करने वाले लोग हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के सैंपल में सभी शैक्षणिक वर्ग के लोगों से बातचीत की गई थी. सैंपल में 12 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जो अशिक्षित थे. वहीं 28 प्रतिशत ऐसे थे, जो सिर्फ 8वीं तक पढ़े थे. 10वीं पास लोग 23 प्रतिशत और 12वीं पास 17 प्रतिशत रहे. 15 प्रतिशत लोग ग्रेजुएट थे, जिन्होंने सैंपल के दौरान अपनी राय दी. पोस्ट-ग्रेजुएट लोग 3 प्रतिशत और प्रोफेश्नल डिग्री धारकों की तादाद 3 प्रतिशत थी.