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Delhi Election Results 2020: क्यों जनता की नब्ज नहीं पकड़ पाई बीजेपी, ये हैं हार के कारण

Delhi Election Results 2020: दिल्ली के चुनावी रण का नतीजा आ चुका है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी धुआंधार प्रदर्शन करते हुए सरकार बनाने जा रही है. वहीं बीजेपी को थोड़ा फायदा पहुंचा, लेकिन वह दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाई है. कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुला है.

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Delhi Chunav Result 2020: पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा (Photo-PTI)
Delhi Chunav Result 2020: पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा (Photo-PTI)

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  • दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप की बंपर जीत
  • आम आदमी पार्टी 62 और बीजेपी 8 सीटों पर जीती

दिल्ली के चुनावी रण का नतीजा आ चुका है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी धुआंधार प्रदर्शन करते हुए 62 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं बीजेपी को 8 सीटें मिलती दिख रही हैं. कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुला है. बीजेपी के लिए चुनाव के ये नतीजे किसी सदमे से कम नहीं हैं. पार्टी के कई नेता चुनाव में जीत का दावा कर रहे थे. लेकिन जब नतीजे आए तो हर कोई आम आदमी पार्टी की सुनामी देखकर हैरान रह गया. वोटिंग से पहले बीजेपी नेताओं ने जमकर जुबानी बाण छोड़े. शाहीन बाग से लेकर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला. आइए आपको बताते हैं कि बीजेपी से विधानसभा चुनाव में जनता की नब्ज पकड़ने में आखिर कहां चूक गई.

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शाहीन बाग को बनाया मुद्दा

पूरे विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग को बीजेपी ने जमकर मुद्दा बनाया. गृह मंत्री अमित से लेकर अन्य नेताओं ने खूब बयानबाजी की. दिल्ली के स्थानीय मुद्दों पर बात न करके बीजेपी राष्ट्रवाद, आर्टिकल 370 और शाहीन बाग को ही उछालती रही. बीजेपी ने न तो दिल्ली के विकास का कोई विजन पेश किया और न ही लोगों को भरोसा दिलाया कि अगर उन्हें वोट मिला तो किस तरह राजधानी की सूरत बदलेंगे.

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चेहरा न होना

अरविंद केजरीवाल के सामने किसी चेहरे को पेश न करना भी बीजेपी के हार की एक वजह है. दरअसल हरियाणा और झारखंड की रणनीति से इतर बीजेपी ने दिल्ली में किसी चेहरे पर दांव नहीं लगाया और पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा. इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनौती भी दी थी कि बीजेपी अपना सीएम उम्मीदवार घोषित करे. हालांकि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि मनोज तिवारी की अगुआई में चुनाव लड़ा जाएगा, ताकि बाद में उन्होंने इस पर यू-टर्न ले लिया.

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विकास पर फोकस नहीं

केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जहां लोगों के बीच अपने 5 साल में किए काम का लेखा-जोखा पेश किया. वहीं बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों पर कोई बात नहीं की. हालांकि बीजेपी ने दिल्ली में पानी की खराब क्वॉलिटी पर बात रखी. लेकिन इतने जोरदार तरीके से नहीं कि लोग उससे प्रभावित हो सकें. बीजेपी सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के ही कामकाज गिनाती रही. बीजेपी दिल्ली म्युनिसिपैलिटी में 15 साल से है. उसके पास कामकाज गिनाने का मौका था. लेकिन उसने इसे गंवा दिया.

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केजरीवाल की मुफ्त स्कीमों का जवाब नहीं

200 यूनिट तक फ्री बिजली, 20 हजार लीटर पानी, बेहतर शिक्षा और चिकित्सा, मोहल्ला क्लिनिक. अरविंद केजरीवाल की इन स्कीमों का बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं था. बीजेपी ने इसका कोई रोडमैप पेश नहीं किया कि सरकार में आने पर वह जनता को केजरीवाल सरकार से बेहतर क्या सुविधाएं मुहैया कराएगी. बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में भी इन्हीं फ्री बिजली और पानी की स्कीम को कायम रखने की बात कही. 

केजरीवाल को घेरने में नाकाम

दिल्ली चुनावों में बीजेपी नेता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जुबानी हमला बोलते रहे. उन्हें आतंकवादी तक कहा गया. लेकिन नीतियों या काम को लेकर बीजेपी सीएम को घेरने में पूरी तरह नाकाम दिखी. दरअसल बीजेपी ने अपना पूरा फोकस शाहीन बाग और सीएम केजरीवाल पर व्यक्तिगत हमला करने में किया, जो उनके लिए उल्टा पड़ गया.

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