scorecardresearch
 

Delhi Elections: कभी मां थी भाजपा नेता, अब AAP से बगावत के बाद कपिल मिश्रा बने BJP प्रत्याशी

पिछले कुछ सालों में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को सबसे ज्यादा परेशान यदि किसी ने किया है तो वह कपिल मिश्रा ही है. कपिल मिश्रा कभी उनके ही साथी थे लेकिन आज बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

Advertisement
X
Delhi Elections 2020: कपिल मिश्रा मॉडल टाउन सीट से BJP उम्मीदवार (फाइल फोटो: PTI)
Delhi Elections 2020: कपिल मिश्रा मॉडल टाउन सीट से BJP उम्मीदवार (फाइल फोटो: PTI)

Advertisement

  • मई 2017 में कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाया था आरोप
  • कपिल ने केजरीवाल पर लगाया था 2 करोड़ रुपए की रिश्वत का आरोप

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर उतने हमले किसी और ने नहीं किए जितने कभी उनके साथ खड़े रहने वाले कपिल मिश्रा ने किए हैं. कपिल मिश्रा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर बनी आम आदमी पार्टी पर पिछले कुछ सालों में कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

2017 में कपिल मिश्रा ने की थी आप से बगावत

मई 2017 में कपिल मिश्रा के तेवरों ने अरविंद केजरीवाल समेत पूरी आम आदमी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी थी. गौरतलब है कि कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. कपिल मिश्रा ने एसीबी में भी शिकायत की थी.

Advertisement

कपिल ने इसके साथ ही अपने आरोपों को लेकर लाइ डिटेक्टर टेस्ट करवाने की बात भी कही थी. हालांकि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के वे आरोप सिद्ध कभी नहीं हो पाए. इसके बाद पहले कपिल को मंत्री पद से हटाया गया फिर बाद में पार्टी से भी बाहर कर दिया गया.

कपिल की मां रही हैं बीजेपी की नेता

आपको बता दें कि कपिल मिश्रा का परिवार पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का है. कपिल का जन्म 13 नवंबर 1980 को हुआ था. कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा बीजेपी नेता रही हैं. वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं. उनके पिता का नाम रामेश्वर मिश्रा 'पंकज' है, वे समाजवादी सोच वाले नेता रहे हैं.

यह भी पढ़ें: केजरीवाल के इस सिपाही ने हैक कर दिखाई थी EVM

कपिल की सोच थोड़ी अलग थी जिसके चलते उन्होंने शुरुआत से ही बीजेपी और आरएसएस से अपनी दूरी बनाए रखी लेकिन अंत में परिस्थितियां कुछ ऐसी हुईं कि 17 अगस्त 2019 को उन्होंने आखिरकार बीजेपी ज्वाइन ही कर ली.

kapilmishra_012320050908.jpgमनोज तिवारी ने कपिल मिश्रा का बीजेपी में किया था स्वागत

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं कपिल मिश्रा

कपिल मिश्रा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बीए और फिर सोशल वर्क में एमए की पढ़ाई की है. कपिल अपने पढ़ाई के समय से ही सामाजिक आंदोलन से जुड़ गए थे. कपिल दिल्ली में काम करने वाले 'यूथ ऑफ जस्टिस' संगठन के को-फाउंडर भी रहे हैं. कपिल ने कई सामाजिक समस्याओं को लेकर तमाम विरोध प्रदर्शन भी किए हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: IIT, IRS, आंदोलन से फिर CM, बेहद फिल्मी है केजरीवाल का सफर

कॉमनवेल्थ खेलों में डेवलपमेंट के नाम पर हुई धांधलियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरुआती लोगों में भी कपिल मिश्रा का नाम शामिल है. कपिल ने इस मुद्दे पर 'इट्ज कॉमन वर्सेज वेल्थ' नाम की एक किताब भी लिखी है. कपिल ने जेसिका लाल मर्डर केस, किसानों की आत्महत्या और यमुना में अतिक्रमण को लेकर कई बार प्रोटेस्ट भी किया था.

kapil_mishra_012320051038.jpg17 अगस्त 2019 को कपिल ने ज्वाइन की थी बीजेपी

कुमार विश्वास से रही है कपिल मिश्रा की नजदीकी

जानकारी के मुताबिक कपिल एमनेस्टी इंटरनेशनल और ग्रीनपीस जैसे अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ में भी काम कर चुके हैं. 26 नवंबर 2012 को जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो अरविंद केजरीवाल की टीम में कपिल मिश्रा भी शामिल थे. कपिल मिश्रा कुमार विश्वास के करीबी माने जाते हैं.

यह भी पढ़ें: आंदोलन का वो साथी जिसे केजरीवाल ने दिल्ली में बनाया अपना सारथी

ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने जब कुमार विश्वास का विरोध किया था उस वक्त कपिल मिश्रा अकेले ऐसे आप नेता थे जो कुमार विश्वास के साथ मजबूती से खड़े रहे थे. 2017 में विरोध के बाद कई बार कपिल के बीजेपी ज्वाइन करने की अफवाहें उठती रहीं है जिस तरह कुमार विश्वास को लेकर भी बातें होती रहती हैं. लेकिन कपिल ने कई बार यह बात कही कि वो 2004 से आंदोलन से जुड़े हुए थे और वे कहीं नही जाएंगे बल्कि वहीं रहकर सफाई करेंगे. झाड़ू चलाएंगे. कूड़ा हटाएंगे.

Advertisement

kapil_tweet_012320052900.jpgकभी कपिल ने कही थी आप न छोड़ने की बात

कपिल ने संस्कृत में ली थी विधायक पद की शपथ

2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में करावल नगर विधानसभा से कपिल मिश्रा को 1,01,865 वोट मिले थे. उन्होंने बीजेपी के मोहन सिंह को 44,431 वोटों से हराया था. इस जीत के साथ कपिल मिश्रा पहली बार विधायक बने थे. 23 फरवरी 2015 को शपथ ग्रहण समारोह में कपिल एकमात्र ऐसे विधायक थे जिन्होंने अपनी शपथ संस्कृत में ली थी.

एमसीडी चुनाव के बाद कपिल ने स्वीकार की थी हार

2017 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आप की करारी हार हुई. आम आदमी पार्टी ने हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन कपिल ने आगे आ कर हार को स्वीकार किया और कहा कि लोगों ने उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया.

Advertisement
Advertisement