दिल्ली के चुनावी दंगल में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए कई तरह की चुनौतियां हैं. एक वक्त पर दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस आज विधानसभा में खाता खोलने के लिए कोशिशें कर रही हैं. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बीच राज्य के सभी बड़े नेताओं से चुनाव लड़ने को कहा है. लेकिन सोनिया गांधी के इस संदेश से भी कांग्रेस में कुछ साफ होता नहीं दिख रहा है क्योंकि अभी भी दिग्गज नेता चुनाव लड़ने की उलझन में फंसे हैं.
कहां हैं कांग्रेस के दिग्गज?
सोनिया गांधी के इस निर्देश के दो दिन बाद ही पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन अमेरिका के लिए रवाना हो गए थे. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वह किसी निजी काम से अमेरिका गए हैं. इतना ही नहीं अजय माकन ने सोनिया गांधी को सूचित किया है कि वह पिछले 6 महीने से जनता के संपर्क में नहीं हैं, ऐसे में वह तुरंत चुनाव लड़ने पर फैला नहीं ले सकते हैं. अजय माकन ने सोनिया गांधी से कहा है कि वह चुनाव लड़ने के बारे में जल्द जवाब देंगे.
#DelhiElections2020 : दिल्ली का दंगल और कांग्रेस का असमंजस! कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि चुनाव में सभी बड़े चेहरे मैदान में उतरें। तो वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल का कहना है कि- जल्द सामने आएगी उम्मीदवारों की लिस्ट । @mausamii2u की #ReporterDiary | pic.twitter.com/uemsatJs1W
— आज तक (@aajtak) January 16, 2020
अजय माकन के अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक नसीब सिंह ने भी निजी कारणों से चुनाव लड़ने से इनकार किया है. राज्य के दिग्गज नेता महाबल मिश्रा भी उस लिस्ट में हैं जो पार्टी से नाराज चल रहे हैं. जब सोनिया गांधी ने बैठक बुलाई थी तो महाबल मिश्रा ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था, इसके अलावा उनके बेटे विनय मिश्रा ने उसी दिन AAP ज्वाइन कर ली थी.
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शीला सरकार में मंत्री रहे जेपी अग्रवाल ने पार्टी आलाकमान को बता दिया है कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. हालांकि इससे पहले वह पार्टी को बता चुके हैं कि बढ़ती उम्र के कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. लेकिन अगर पार्टी कहेगी, तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
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क्या था सोनिया गांधी का निर्देश?
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते दिनों पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को सीधा संदेश दिया था कि सभी दिग्गजों को चुनाव लड़ना होगा, लोकसभा चुनाव लड़ने वालों को भी विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेना होगा. सोनिया गांधी की ओर से निर्देश में कहा गया था कि आपको (नेताओं) को खड़ा होना होगा और चुनाव लड़ना होगा क्योंकि पार्टी को आपकी जरूरत है. चाहे अगर आप हार जाएं, वो भी पार्टी के लिए ही होगा.
गौरतलब है कि दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, इसी वजह से पार्टी के सामने कई तरह की चुनौती हैं.