सदर बाजार विधानसभा सीट 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा (Delhi Elections 2020) सीटों में से एक है और यह चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में पड़ती है. सेंट्रल दिल्ली के तहत पड़ने वाला सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र एक समय कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन 2013 में आम आदमी पार्टी के आने के बाद इस पार्टी ने कांग्रेस के प्रभुत्व को खत्म कर दिया. वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट भी दिल्ली के उन अभेद्य किले की तरह है जिसे वह पिछले 22 सालों में भेद नहीं सकी है.
अपने थोक सामानों के बाजार के लिए मशहूर सदर बाजार में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र में 1,65,870 वोटर्स थे जिसमें 90,763 पुरुष और 75,099 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 8 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.
तीसरे पायदान पर खिसके अजय माकन
2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के सोम दत्त विजयी हुए थे. उन्होंने अरविंद केजरीवाल की लहर में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण कुमार जैन को 34,315 मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन चुनाव में तीसरे पायदान पर रहे थे और उन्हें 16,331 मत मिले थे.
इस चुनाव में कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. आम आदमी पार्टी के सोम दत्त ने 67,507 तो बीजेपी के प्रवीण कुमार जैन ने 33,192 मत हासिल किया और इस तरह से सोम दत्त ने 34,315 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया. 1,65,870 वोटर्स में से 1,19,276 वोटर्स ने मतदान में हिस्सा लिया था. जबकि 412 वोट नोटा में पड़े.
1993 में दिल्ली में पूर्ण विधानसभा की व्यवस्था लागू होने के बाद सदर बाजार विधानसभा सीट से कांग्रेस ने 3, आम आदमी पार्टी ने 2 और बीजेपी ने 1 बार जीत हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी की बात की जाए तो वह यहां से महज एक बार ही जीत हासिल कर सकी है और वह भी 1993 में. 1993 में बीजेपी के हरि किशन ने जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बाद उसे दूसरी जीत का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
कांग्रेस की बात करें तो उसे इस सीट पर पहली जीत 1998 में मिली. उसकी ओर से राजेश जैन ने 1998 में पहली जीत हासिल करते हुए 2003 और 2008 में भी जीत हासिल कर चुनावी जीत की हैट्रिक लगा दी. हालांकि कांग्रेस की जीत का सिलसिला 2013 के चुनाव में टूट गया और आम आदमी पार्टी ने अपने पहले ही प्रयास में जीत हासिल कर ली.
पिछले 22 सालों से बीजेपी नंबर दो
आम आदमी पार्टी के सोम दत्त ने जीत हासिल करने के बाद 2015 के चुनाव में जीत अपने नाम की थी. हालांकि 2015 के चुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई और बीजेपी दूसरे स्थान पर आ गई. बीजेपी 1993 के बाद से ही पिछले 5 चुनावों में लगातार दूसरे नंबर (1998 से 2015 तक) पर रही है. हालांकि पिछले तीन चुनावों में हार-जीत का अंतर 30 हजार से ज्यादा का रहा है और इस लिहाज से बीजेपी को 27 साल बाद पहली जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी.
पिछले विधायक सोम दत्त के बारे में बात करें तो 2015 के विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं थे. स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले 44 साल के सोम दत्त के पास 10,79,433 रुपये की संपत्ति है.
कब होगी मतगणना?
दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी. इस बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए एक चरण में मतदान होंगे और 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, जबकि 11 फरवरी को मतगणना होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.