दिल्ली (Delhi Elections 2020) के 70 सदस्यीय विधानसभा के हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक सीट है शकूर बस्ती विधानसभा सीट. अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में 7 मंत्री हैं और इनमें से एक मंत्री हैं सत्येंद्र जैन जो शकूर बस्ती विधानसभा सीट का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. खास बात यह है कि यह दिल्ली की ऐसी चंद सीटों में शामिल है जहां पर अब तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) तीनों ही दलों ने 2-2 बार जीत हासिल की है.
2015 के विधानसभा चुनाव में शकूर बस्ती विधानसभा सीट पर 1,47,216 मतदाता थे, जिसमें 75,911 पुरुष और 71,304 महिला मतदाता शामिल थे. जबकि एक मतदाता थर्ड जेंडर का था. शकूर बस्ती विधानसभा सीट उत्तरी दिल्ली जिले में पड़ती है और यह चांदनी चौक संसदीय सीट के तहत आता है. 2015 के विधानसभा चुनाव में 8 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्येंद्र जैन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एससी वत्स के बीच था. मुकाबला भी कांटे का रहा.
कांटे का रहा पिछला मुकाबला
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता एससी वत्स को नजदीकी मुकाबले में हराया था. सत्येंद्र जैन ने 51,530 मत हासिल किए थे जबकि एससी वत्स को 48,397 मत मिले और इस तरह से हार-जीत का अंतर 3,133 मतों का रहा. हार जीत के लिहाज से यह इस विधानसभा की तीसरी सबसे नजदीकी हार थी. 438 वोट नोटा के पक्ष में पड़े. कांग्रेस के चमन लाल शर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे.
1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद यहां हुए पहले चुनाव में बाजी भारतीय जनता पार्टी के गौरी शंकर भारद्वाज के पक्ष में गई. 1998 के चुनाव में गौरी शंकर भारद्वाज फिर से चुनाव में मैदान में उतरे लेकिन उन्हें कांग्रेस के एससी वत्स ने हरा दिया.
AAP ने 2013 में छीनी सीट
हालांकि 2003 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण काफी बदल गया और कांग्रेस की टिकट पर पिछला चुनाव जीतने वाले एससी वत्स ने बीजेपी के उम्मीदवार श्याम लाल गर्ग को हराते हुए लगातार दूसरी और कुल तीसरी बार विधानसभा में पहुंच गए. लेकिन 2008 में बाजी फिर पलट गई और श्याम लाल गर्ग ने एससी वत्स को हराते हुए पिछली हार का बदला ले लिया.
2013 का साल दिल्ली की राजनीति के लिए बेहद खास रहा क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के अभ्युदय ने दिल्ली की राजनीति बदल दी. शकूर बस्ती विधानसभा सीट पर 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र कुमार जैन ने बीजेपी के श्याम लाल गर्ग को हरा दिया.
2015 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र कुमार जैन ने अपनी बादशाहत कायम रखते हुए बीजेपी के उम्मीदवार एससी वत्स को कांटेदार मुकाबले में हरा दिया. 1993 के बाद से एससी वत्स कांग्रेस के टिकट पर 2 बार विधायक बने, लेकिन तीसरी बार बीजेपी के सहारे विधानसभा जाने की फिराक में थे, पर यह योजना कामयाब नहीं रही.
मतगणना कब?
शकूर बस्ती के विधायक सत्येंद्र कुमार जैन की बात करें तो 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है. 55 साल के जैन ग्रेजुएट हैं और उनके पास 8,08,41,007 रुपये की संपत्ति है.
दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए सिर्फ एक चरण में मतदान हो रहा है. 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 11 फरवरी को होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.