दिल्ली विधानसभा चुनाव की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. दिल्ली 72 सीटों पर 672 उम्मीदवारों की साख दांव पर लगी है तो दिल्ली की 10 विधानसभा सीटों पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. इनमें अरविंद केजरीवाल के मंत्रियों से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बेटी तक की प्रतिष्ठा दांव पर है.
1. सुल्तानपुर माजरा
दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट पर आम आदमी पार्टी के मुकेश कुमार अहलावत, बीजेपी के रामचंद्र चावड़िया, कांग्रेस के जयकिशन मैदान में हैं. साल 2015 में AAP के प्रत्याशी संदीप ने कांग्रेस के जयकिशन को हराया था, लेकिन इस बार पार्टी ने संदीप की जगह मुकेश कुमार को उतारा है. हालांकि, इस सीट को कांग्रेस का मजूबत गढ़ माना जाता रहा है और हैट्रिक लगा चुके जयकिशन एक बार फिर मैदान में उतरे हैं.
2. नजफगढ़
जाट बहुल नजफगढ़ विधानसभा सीट पर केजरीवाल के मंत्री कैलाश गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. उनके सामने बीजेपी से अजीत खरखरी मैदान में उतरे हैं. 2015 में कैलाश गहलोत दिल्ली में सबसे कम वोटों से जीतने वाले विधायक बने थे, इसीलिए यहां त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है.
3. बल्लीमारान
पुरानी दिल्ली की बल्लीमारान विधानभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. यहां मौजूदा मंत्री और पूर्व मंत्री के बीच मुकाबला है. केजरीवाल सरकार में मंत्री और बल्लीमारान सीट से विधायक इमरान हुसैन एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस ने हारुन यूसुफ को उतारा है. वहीं, बीजेपी से लता सोढ़ी चुनाव लड़ रही हैं. 2015 में इमरान से हारून यूसुफ हार गए थे और बीजेपी तीसरे नंबर पर रही थी.
4. चांदनी चौक
दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है. कांग्रेस से अलका लांबा मैदान में हैं तो बीजेपी से सुमन गुप्ता चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी से इस सीट पर चार बार के एमएलए रहे प्रह्लाद साहनी ने उतरकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. 2015 में आम आदमी पार्टी से अलका लांबा जीती थीं, लेकिन केजरीवाल के खिलाफ बगावत के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया तो कांग्रेस छोड़कर प्रह्लाद साहनी आम आदमी पार्टी की तरफ आ गए. इस तरह यहां 2015 की तर्ज पर लड़ाई होती दिख रही है.
5. सीलमपुर
यमुनापार की मुस्लिम बहुल सीलमपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. कांग्रेस ने यहां अपने पांच बार के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद को उतारा है तो आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर पार्षद अब्दुल रहमान पर दांव खेला है. वहीं, बीजेपी से कौशल मिश्रा ताल ठोक रहे हैं.
6. मॉडल टाउन
दिल्ली की मॉडल टाउन सीट पर भी कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे कुंवर करण सिंह की बेटी आकांक्षा ओला चुनाव लड़ी रही हैं तो बीजेपी से कपिल मिश्रा और आम आदमी पार्टी से मौजूदा विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी मैदान में हैं. कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी से बगावत कर बीजेपी से उतरे हैं.
7.मटियाला
बाहरी दिल्ली की मटियाला विधानसभा सीट पर कांटे की लड़ाई मानी जा रही है. बीजेपी ने अपने पूर्व विधायक राजेश गहलोत को उतारा है तो आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक गुलाब सिंह यादव पर भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस से पूर्व विधायक सुमेश शौकीन एक बार फिर चुनावी ताल ठोक रहे हैं. इस तरह से तीनों प्रत्याशी एक दूसरे से कम नहीं है, जिसके चलते मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
8. संगम विहार
दिल्ली में पूर्वांचल बहुल संगम विहार सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. आम आदमी पार्टी से मौजूदा विधायक दिनेश मोहनिया तो जेडीयू के टिकट पर पूर्व विधायक एससीएल गुप्ता मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस ने कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को उतारकर मुकाबले को कांटे का बना दिया है.
9. बदरपुर
बदरपुर विधानसभा सीट पर यहां फिर दो पुराने खिलाड़ी आमने-सामने हैं. आम आदमी पार्टी से राम सिंह नेताजी और बीजेपी से रामवीर सिंह बिधूड़ी मैदान में है. वहीं, 2015 में AAP से जीतने वाले एनडी शर्मा इस बार बीएसपी से चुनावी मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस से प्रमोद कुमार यादव मैदान में हैं.
10. कालकाजी
पंजाबी और सिख बहुल कालकाजी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने आतिशी तो कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा मैदान में हैं. वहीं, बीजेपी ने अपने पार्षद धरमवीर सिंह को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. 2015 में आम आदमी पार्टी से अवतार सिंह जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है.