केंद्रीय निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सदन में बजट पेश किया, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक बार भी दिल्ली का जिक्र तक नहीं किया. ऐसे में दिल्ली की सत्ता पर आसीन अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. हालांकि आचार संहिता लागू होने की वजह से सरकार बजट में उस राज्य लेकर नीतिगत फैसला नहीं करती है.
दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थी। लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ। दिल्ली भाजपा के प्राथमिकताओ में आता ही नहीं, तो दिल्ली वाले भाजपा को वोट क्यों दे? सवाल ये भी है की चुनाव से पहले ही जब भाजपा दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 1, 2020
दिल्ली बीजेपी की प्राथमिकता में नहींः केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के संयोजक सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में बजट से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन एक बार फिर दिल्लीवालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है. दिल्ली बीजेपी की प्राथमिकता में आता ही नहीं है. ऐसे में दिल्ली के लोग बीजेपी को वोट क्यों दें? उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले दिल्ली के लोगों को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद वो अपने वादे कैसे निभाएगी?
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बता दें कि बजट से पहले सीएम केजरीवाल ने मोदी सरकार से अपने बजट को एक फरवरी को ही पेश करने की गुजारिश की थी. उन्होंने कहा था, 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में कोई पॉलिसी की घोषणा नहीं हो सकती है, लेकिन राजनीति से दिल्ली का विकास न रुके, इसलिए हम चाहते हैं कि बजट 1 फरवरी को आए और दिल्ली वालों के लिए भरपूर घोषणाएं हों.' केजरीवाल ने कहा था कि केंद्रीय बजट में योजनाओं के ऐलान में एमसीडी को पैसा दिया जाए, दिल्ली के लिए बजट में ऐलान किया जाए और राजनीति से परे रहकर बजट में घोषणाएं होनी चाहिए.
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8 फरवरी को वोटिंग, 11 को आएंगे नतीजे
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजधानी में आचार सहिंता लागू है. दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजे 11 फरवरी को आएंगे. ऐसे में सरकार जहां आचार सहिंत लागू होती है, वहां के लिए बजट में किसी तरह की कोई घोषणाएं नहीं करती है. इसी के चलते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश करते हुए ना तो दिल्ली का जिक्र किया और ही किसी तरह की कोई घोषणा की.
2017 में लिया गया था फैसला
साल 2017 में चुनाव आयोग ने फैसला लिया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आम बजट में राज्य आधारित योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है. इसके तहत ऐसी किसी भी प्रकार की घोषणा नहीं होगी, जिसे मतदाता प्रभावित हो.। यह फैसला पांच राज्यों गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान लिया गया था.