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केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने की इजाजत मांग रहे लोगों की याचिका HC से खारिज

याचिका लगाने वाले सभी 11 लोगों का कहना है कि अन्ना मूवमेंट के दौरान वह अरविंद केजरीवाल के ही साथी थे. लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद जनलोकपाल बिल और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से मुंह मोड़ लिया उसके बाद वह नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते थे.

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11 लोगों की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज किया
11 लोगों की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज किया

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  • विधानसभा सीट पर 11 लोगों ने दी थी हाइकोर्ट में याचिका
  • कोर्ट ने कहा-चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती कोर्ट

नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे 11 लोगों की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. 11 लोगों का आरोप था कि रिटर्निंग अफसर ने उन्हें 20 और 21 जनवरी को नामांकन नहीं भरने दिया था. जबकि रिटर्निंग अफसर ने उन्हें टोकन भी दिया था. ये सभी 11 लोग नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते थे.

कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'अब इस स्टेज पर नामंकन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि अगर कोर्ट इसकी इजाजत देता है तो ये चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने जैसा होगा. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर याचिकाकर्ताओं को लगता है कि चुनाव आयोग या उनके अधिकारियों ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार किया है तो वह जनप्रतिनिधि एक्ट के सेक्शन 100 के तहत चुनावों के बाद कोर्ट में अपनी इलेक्शन पिटीशन डाल सकते हैं.

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याचिका लगाने वाले इन सभी 11 लोगों का कहना है कि अन्ना मूवमेंट के दौरान वह अरविंद केजरीवाल के ही साथी थे. लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद जनलोकपाल बिल और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से मुंह मोड़ लिया उसके बाद वह नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते थे.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार, दिल्ली इलेक्शन ऑफिस और केंद्र सरकार को नोटिस करके 6 फरवरी तक जवाब देने को कहा है. आज सभी पक्षों में इन याचिका पर कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया, जिसमें कहा गया कि नियम के हिसाब से अगर ये 11 लोग असंतुष्ट हैं तो चुनाव के बाद इलेक्शन पिटीशन दाखिल कर सकते हैं. वहीं दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं और आज 6 फरवरी को प्रत्याशियों के प्रचार की अवधि भी समाप्त हो रही है. ऐसी सूरत में नामांकन की इजाजत देना पूरी चुनावी प्रक्रिया को डिस्टर्ब करने वाला होगा.

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11 लोगों ने याचिका लगाई थी कि अरविंद केजरीवाल को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के चक्कर में उनको नामांकन दाखिल करने के लिए वक्त ही नहीं दिया गया और जल्दबाजी में उनका नामांकन खारिज कर दिया गया. ये पक्षपातपूर्ण और चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच भी इस याचिका को खारिज कर चुकी है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से हाईकोर्ट की डबल बेंच को कहा गया कि चुनाव 8 फरवरी को होने हैं, और उनके नतीजे भी 11 फरवरी तक आने हैं. लिहाजा उनको नामांकन दाखिल करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.

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