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गोवा: कांग्रेस विधायक का आरोप- दिल्ली से आए नेता नहीं चाहते थे सरकार बने

गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भले ही बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रहे हो. लेकिन गोवा के कांग्रेसी विधायक अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे
कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे

गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भले ही बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रहे हो. लेकिन गोवा के कांग्रेसी विधायक अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के 'कुप्रबंधन' को सरकार न बनने की वजह बताया.

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विश्वजीत राणे ने सीधे तौर पर केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा. राणे ने कहा कि मंगलवार रात पार्टी विधायकों के एक समूह ने बैठक की थी जहां उन्होंने राजनीतिक परिदृश्य को लेकर अपनी पीड़ा और नाराजगी प्रकट की. राणे ने कहा- ऐसा लगता है जैसे दिल्ली से भेजे गए नेता कभी चाहते ही नहीं थे कि गोवा में कांग्रेस सरकार बनाए.

राहुल से मांगा वक्त
विश्वजीत ने इस मसले पर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का वक्त मांगा है. राणे का मानना है कि दिल्ली से जो प्रभारी गोवा आए थे, पार्टी को उनके कुप्रबंधन का पता लगना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव में देरी पर भी सवाल खड़े किए हैं.

नाराजगी से घिरे दिग्विजय
कांग्रेस विधायकों की इस नाराजगी को दिग्विजय सिंह पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर ही गोवा में चुनाव की जिम्मेदारी थी.

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बता दें कि गोवा में बीजेपी को 13 और कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं. बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी. बावजूद इसके क्षेत्रीय दलों और निर्दलियों से साथ बीजेपी ने गोवा में सरकार बनाई. पार्टी के दिग्गज नेता मनोहर पर्रिकर ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए. साथ ही राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए.

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