बीजेपी ने गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आज अपने 29 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. 40 सीटों वाली इस विधानसभा में 4 फरवरी को मतदान होना है. हालांकि गोवा में सीएम कैंडिडेट कौन होगा, इसे लेकर बीजेपी अपने पत्ते नहीं खोल रही. बताया जा रहा है कि बीजेपी इस दुविधा में है कि वो मनोहर पर्रिकर के चेहरे पर चुनाव लड़े या सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर के चेहरे पर. अगर पारसेकर का नाम चुनाव से पहले घोषित किया जाता है तो राज्य में उनके नाम पर वोट पड़ेंगे और ऐसे में बीजेपी को पर्रिकर की लोकप्रियता का फायदा नहीं मिल सकेगा।
बीजेपी नेता जे पी नड्डा आज जब कैंडिडेट की लिस्ट के साथ मीडिया के सामने आए तो उन्होंने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि गोवा में पार्टी का सीएम कैंडिडेट कौन होगा. सूत्रों के अनुसार, गोवा में बीजेपी सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर को सीएम कैंडिडेट के रूप में पेश करने को तैयार नहीं है. उसका सोचना है कि रक्षामंत्री और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पारसेकर से बड़ा चेहरा हैं और विधानसभा चुनाव में उन्हीं का चेहरा सामने रख उतरा जाना चाहिए. भावी सीएम का फैसला चुनाव जीतने के बाद किया जाए. नड्डा ने इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड इस मामले पर फैसला करेगा.
तमाम ओपीनियन पोल गोवा में बीजेपी के पक्ष में हैं लेकिन इसके बावजूद सत्तारूढ़ बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. राज्य में आम आदमी पार्टी के उभार से वो सतर्क है तो दूसरी ओर उसके अपने इस समय चुनाव मैदान में उसके आमने-सामने आ गए हैं. 40 सीटों वाली विधानसभा में 2-3 सीटों का अंतर भी सरकार बनाने और बिगाड़ने के लिए काफी अहम हो जाता है. यही वजह है कि बीजेपी पर्रिकर के लोकप्रिय चेहरे को चुनाव में अधिक से अधिक भुनाना चाहती है.
एमजीपी दे चुकी है बीजेपी को झटका
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपना गठबंधन तोड़ दिया है. एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवालिकर ने कहा कि उनकी पार्टी 40 विधानसभा सीटों में से 22 पर चुनाव लड़ेगी. एमजीपी ने आरएसएस के बागी नेता सुभाष वेलिंगकर के दल गोवा सुरक्षा मंच से गठबंधन किया है. भाजपा विरोधी गठबंधन में शामिल होने वाली तीसरी पार्टी शिवसेना है. गठबंधन ने सुदीन धवलीकर को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है.
2007 में कांग्रेस, 2012 में बीजेपी
2012 के विधानसभा चुनावों में गोवा में बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं और 40 सीटों वाली विधानसभा में वो अपने दम पर सरकार बनाने में सफल रही. कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटों से संतोष करना पड़ा. महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी को तीन तो अन्य को 7 सीटें मिलीं. इससे पहले 2007 के चुनावों में कांग्रेस 16 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और सरकार बनाने में सफल रही. बीजेपी को उस समय 14 सीटों से संतोष करना पड़ा. एमजीपी को दो, एनसीपी को तीन तो अन्य को पांच सीटें मिलीं.