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गोवा चुनाव में इस बार पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वे गोवा की पणजी सीट से निर्दलीय उतरने की तैयारी कर रहे हैं. उनकी लंबे समय बीजेपी संग तनातनी चल रही थी और अब उन्होंने अलग चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है.
पिछले कई दिनों से देवेंद्र फडणवीस संग उत्पल के तल्ख रिश्ते चल रहे थे, आरोप-प्रत्यारोप का दौर था. इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में उत्पल को उम्मीदवार घोषित नहीं किया और अब वे निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं.
इस फैसले को लेकर उत्पल ने बड़ा बयान दिया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि मनोहर पर्रिकर ने दो दशक तक पणजी की सेवा की है. उनका एक खास रिश्ता रहा है. मेरा भी यहां से मजबूत रिश्ता है. मैंने बीजेपी को बताया था कि मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं. लेकिन फिर भी मुझे उम्मीदवार नहीं बनाया गया. मैं सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं.
लेकिन उत्पल ने पहले पणजी से चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, लेकिन 2021 में वह अचानक यहां की राजनीति में सक्रिए हुए. इसके बावजूद उत्पल का पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि नेता का बेटा होना योग्यता नहीं है. हालांकि पार्टी ने पणजी के बजाय उत्पल को बिचोलिम सीट की पेशकश की थी. लेकिन क्योंकि बात नहीं बनी, लिहाजा उत्पल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है.
बीजेपी की लिस्ट की बात करें तो 34 उम्मीदवारों की लिस्ट में उन नेताओं की तवज्जो दी गई है, जो 2017 के चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हुए हैं. वहीं, कुछ वरिष्ठ नेताओं के टिकट काट दिए गए हैं. मंड्रेम सीट पर पूर्व सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर की उम्मीदवारी को हटाकर दयानंद सोपटे पर पार्टी ने भरोसा जताया है.