गुजरात दौरे पर पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह समाज को जाति के नाम पर बांट रही है. वित्त मंत्री ने साफ कहा कि राहुल गांधी को जीएसटी की समझ नहीं है.
जीएसटी की दुनिया कर रहा सराहना
वित्त मंत्री ने कहा कि मैं स्पष्ट मानता हूं कि राहुल को जीएसटी की समझ नहीं है. जहां उनकी पार्टी कांग्रेस की सरकार हैं, वहां के वित्त मंत्री इस फैसले से वाकिफ हैं. केवल अवसरवाद के नाम पर बयान देने से ऐसा लग जाता है कि उनको इसकी समझ नहीं है. जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा मिल सकता है. इसकी दुनिया भर में सराहना हो रही है.
मुकुल रॉय पर कानून अपना काम करेगा
मुकुल रॉय पर लगे आरोपों पर अरुण जेटेली ने कहा, 'मुकुल रॉय की सीडी हमने देखी है. जांच एजेंसियों ने भी देखी है. कानून अपना काम करेगा.' उन्होंने कहा, 'गुजरात से जुड़ने का सालों से मौका मिला है. इस बार भी पार्टी की सहायता करने की जिम्मेवारी मिली है. चुनाव संबधित योजनाओं को संगठित करने के लिए कई बैठकें की हैं.'
गुजरात में जीत का पूरा भरोसा
अरुण जेटली ने कहा कि हर चुनाव का अपना एक एजेंडा होता है. वह उस समय मतदाताओं को प्रभावित करता है. हमें पूरा भरोसा है कि हम जीतेंगे. जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तब ही उन्होंने निर्णय लिया था कि गुजरात के लिए एजेंडा विकास और तरक्की ही होगा.
हम निरंतर विकास और तरक्की की राजनीति करते रहे हैं. 2002 के वक्त स्थिति में तनाव था. ऐसी घटनाओं का मतदातों पर असर पड़ता है. मोदी जी सीएम बने तो उस समय दृढ़ निश्चय किया था कि विकास से मुद्दे पर आगे बढ़ा जाए चूंकि गुजरात अमन, शांति पर चलता रहा है. जो शब्दावली हमारी थी वो विकास ही थी. उन वर्षों में हमें गुजरात दंगों के मसले में उलझा कर रखने की कोशिश की गई, लेकिन हम इसमें नहीं फंसे और विकास पर अपना ध्यान बनाए रखा.
साल 2007 और 2012 में गुजरात के लोग तेज विकास चाहते थे, लेकिन 2012 के बाद हुए चुनावों में इसमें एक नया मोड़ आ गया. आज गुजरात पूरे देश के लिए एक मॉडल बन चुका है. बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा, उद्योग अब दूसरे राज्यों के लिए मसला हैं.
जाति की राजनीति करती है कांग्रेस
जेटली ने कहा कि मोदी जी और उनके उत्तराधिकारियों ने विकास के एजेंडे पर अपना फोकस रखा है. लेकिन कांग्रेस का इतिहास बताता है कि वे पिछले कई चुनावों से उनका एजेंडे सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ाई करना है. व्यक्ति के खिलाफ लड़ने के लिए झूठ का सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया गया.
उन्होंने कहा, 'कोई राजनीतिक दल अपना अभियान शुरू करे विकास को नीचा दिखाने के लिए यह पुरी दुनिया में कहीं नही देखा होगा. चुनाव प्रचार अभियान देखिए उन्होंने विकास का मजाक बनाया है. आर्थिक विकास, गरीबी या पिछड़ेपन से लड़ाई को खारिज करना या इसमें राजनीति करना अच्छी बात नहीं है. इन सबसे भी जब उनका काम नहीं चलता तो वे जाति की राजनीति लेकर आ जाते हैं. कांग्रेस के पास कोई मसला नहीं बचा तो वह राज्य को जाति के लिहाज से बांटने का खतरनाक खेल खेलने लगी है. सच तो यह है कि विकास से सबका फायदा होता है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो. समाज को बांटना देश के लिए ठीक नहीं है.