गुजरात चुनाव में वोट डलने के लिए सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं. राजनीतिक दलों का प्रचार इस समय जोर-शोर से चल रहा है. कांग्रेस-बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों को वोटरों को लुभाने के लिए मैदान में उतार दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार से मोर्चा संभाल लिया है. चूंकि ये पीएम मोदी-अमित शाह का गृह राज्य है इसलिए बीजेपी की साख ज्यादा दांव पर है. लेकिन इस बीच मोदी ने नया कार्ड चला है, एक बार फिर रैली में उन्होंने अपने कनेक्शन को भुनाया है.
मैं गुजरात का बेटा, कर्ज चुकाता रहूंगा
सोमवार को पीएम मोदी ने चार रैलियों संबोधित किया. PM के सभी भाषण में एक बात कॉमन रही वह था कि 'मैं गुजरात का बेटा हूं, गुजरात की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी.' मोदी ने कहा कि कांग्रेस लगातार उनपर कीचड़ उछाल रही है, लेकिन उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता है.
मोदी बार-बार अपने भाषणों में लोगों को याद दिला रहे थे, कि उन्हें गुजरात ने पाला है. गुजरात तो उनके लिए मां समान है. वह जिंदगी भर इसका कर्ज चुकाते रहेंगे. यह पहली दफा नहीं है कि मोदी ने अपने भाषणों के दौरान उस जगह से या वहां के लोगों से अपना रिश्ता जोड़ा हो. पहले भी ऐसा होता आया है.
मां गंगा ने बुलाया है
2014 में जब मोदी गुजरात से निकल कर देश की राजनीति में आए तो उन्होंने वाराणसी को चुना. जब मोदी नामांकन करने पहुंचे तो कहा कि 'उन्हें यहां मां गंगा ने बुलाया है, वह मां गंगा के बुलावे पर यहां आए हैं.' मोदी का यह बयान लोकसभा चुनावों के दौरान और उसके बाद भी काफी चर्चा में रहा.
यूपी ने मुझे गोद लिया
2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम ने यहां के लोगों से अपना खास रिश्ता बनाया. प्रचार के दौरान हरदोई रैली में मोदी ने कहा था कि 'उनका जन्म गुजरात में हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने उन्हें गोद लिया है. वह अपने मां-बाप को छोड़ने वाले नहीं हैं.'
PM मोदी बोले- यूपी ने मुझे गोद लिया, मैं मां-बाप को छोड़ने वाला बेटा नहीं
इसके अलावा भी अपनी अधिकतर रैलियों या कार्यक्रमों में पीएम मोदी ने इन बातों का जिक्र किया है. चूंकि संघ प्रचारक और बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने कई जगह काम किया है, इसलिए मोदी अधिकतर राज्यों में जाकर कहते हैं कि उन्होंने यहां कई सालों तक काम किया है, वह यहां के लोगों को जानते हैं. गौरतलब है कि मोदी एक अच्छे वक्ता हैं उन्हें लोगों के साथ कनेक्शन बनाना अच्छी तरीके से आता है. लोगों को अपने साथ जोड़ने का मोदी का ये अनोखा अंदाज है.
गौरतलब है कि गुजरात में 9, 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. पिछले दो दशकों से राज्य में बीजेपी की सरकार है. चूंकि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में गुजरात के विकास मॉडल की बात कर ही देश से वोट बटोरे थे, इसलिए उनकी साख का सवाल है. दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरे राज्य में घूम-घूम कर मोदी के गुजरात मॉडल पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के अलावा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, अल्पसंख्यक नेता अल्पेश ठाकोर की तिकड़ी से पार पाना इस बार बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.