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गुजरात में पाटीदारों के टिकट बढ़े लेकिन BJP का दांव इस बार OBC पर?

हार्दिक लगातार आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं. कांग्रेस भी इस मुद्दे को खूब भुना रहे है. ऐसे में बीजेपी ज्यादा पाटीदारों को टिकट देकर जोखिम नहीं लेना चाहती.

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पाटीदारों से ज्यादा OBC पर दांव
पाटीदारों से ज्यादा OBC पर दांव

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गुजरात चुनाव में बीजेपी ने सभी 182 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. बीजेपी ने सोमवार को अपनी छठी लिस्ट जारी करते हुए 34 उम्मीदवारों का ऐलान किया. पाटीदारों की नाराजगी के बीच इस समुदाय के उम्मीदवारों के टिकट तो बढ़ाए गए हैं लेकिन सबसे अधिक ओबीसी कैंडिडेट बीजेपी ने उतारा है. इससे ये कयास लगने लगे हैं कि क्या पाटीदार समुदाय की नाराजगी की भरपाई के लिए बीजेपी ओबीसी वोट पर इस बार दांव लगा रही है. बीजेपी जानती है कि इस चुनाव में आरक्षण की मांग कर रहा पाटीदार समुदाय उससे छिटक सकता है.

BJP ने उतारे 61 ओबीसी उम्मीदवार

बीजेपी ने इस बार 61 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जबकि 52 पाटीदार बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में उतरे हैं. हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार सात अधिक पाटीदारों को टिकट दिया गया है. इन दोनों समुदायों के बाद बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा टिकट दिए हैं, जिनकी संख्या 28 है. इसके बाद क्षत्रिय समुदाय के 13, अनुसूचित जाति के 12 और ब्राह्मण समुदाय के 9 उम्मीदवारों को बीजेपी ने टिकट दिया है.

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पाटीदारों का भी असर

राज्य में कुल आबादी का 35 फीसदी हिस्सा ओबीसी है, यही वजह है कि बीजेपी ने अपने परंपरागत समर्थक रहे पाटीदारों का दामन छोड़ इस समुदाय पर दांव खेला है. साथ ही ओबीसी में 146 जातियों को शामिल किया गया है. राज्य में ओबीसी समुदाय को 27 फीसद आरक्षण में हासिल है. इनके मुकाबले राज्य में 13 फीसदी पटेल आबादी है जो चुनाव में काफी असरदार साबित हो सकती है.

आंदोलन से उठा आक्रोश

पिछले दिनों हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने राज्यभर में आरक्षण की मांग करते हुए जाति को ओबीसी की सूची में शामिल किए जाने की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया, इसे लेकर कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए. चुनाव आते-आते हार्दिक ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान भी कर दिया. उनका कहना है कि कांग्रेस ने उनकी मांग को गंभीरता से सुना और इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया है.  

हार्दिक लगातार आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं. कांग्रेस भी इस मुद्दे को खूब भुना रही है. ऐसे में बीजेपी ज्यादा पाटीदारों को टिकट देकर जोखिम नहीं लेना चाहती. पाटीदारों में बीजेपी के प्रति कुछ हद तक आक्रोश है और हार्दिक समर्थक युवाओं का एक बड़ा वर्ग चुनाव में बीजेपी का साथ देगा, यह कहा नहीं जा सकता. इसलिए बीजेपी ने सधी हुई चाल खेलते हुए ज्यादा से ज्यादा ओबीसी नेताओं को टिकट दिया है ताकि चुनाव में पटेल आरक्षण आंदोलन से उठे आक्रोश के असर को कम किया सके.

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