scorecardresearch
 

कांग्रेस मुक्त भारत की ओर ‘दो कदम’ और बढ़ी बीजेपी

दो राज्यों में जीत के साथ कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के साथ आगे बढ़ रही भाजपा अपनी 18 राज्यों की सूची में एक और नाम जोड़कर 19 राज्यों को कांग्रेस मुक्त करा पाने में सफल हो गई है. भाजपा के लिए यह अपने विजय अभियान में एक कदम और आगे बढ़ने जैसा है.

Advertisement
X
पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी

Advertisement

गुजरात और हिमाचल प्रदेश का जनादेश आ गया है. गुजरात की मतगणना पूरी हो गई है. हिमाचल की दो सीटों पर गिनती जारी है. हालांकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी सरकार बनाती हुई नजर आ रही है. सभी की नजरें गुजरात चुनाव पर थीं, क्योंकि इसका असर 2019 तक पर असर करेगा. हालांकि बीजेपी के अरमान यहां डबल डिजिट पर ही सिमट गए. पार्टी को इससे कुछ और ज्यादा की उम्मीद थी. वहीं कांग्रेस के पास खोने को कुछ भी नहीं था. यहां मिलीं 77 सीटें उसके लिए हार कर भी जीत जैसी ही है.

हिमाचल प्रदेश की रवायत जारी है. ‘स्विंग स्टेट’ होने के चलते इस बार बीजेपी के आने की उम्मीद थी. 44 सीटों के साथ बीजेपी यहां सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस 20 सीटों पर सिमट गई है.  

Advertisement

दो राज्यों में जीत के साथ कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के साथ आगे बढ़ रही भाजपा अपनी 18 राज्यों की सूची में एक और नाम जोड़कर 19 राज्यों को कांग्रेस मुक्त करा पाने में सफल हो गई है. भाजपा के लिए यह अपने विजय अभियान में एक कदम और आगे बढ़ने जैसा है.

डबल डिजिट पर रुकी बीजेपी

हालांकि गुजरात में 22 साल के शासन के बाद भाजपा का प्रदर्शन लगातार सिमटता नज़र आ रहा है. वर्ष 2002 में 127 सीटों के आंकड़े के बाद 2007 में यह आंकड़ा 117 पर रुका और 2012 में भाजपा को 115 सीटों पर संतोष करना पड़ा. इस बार यह आंकड़ा डबल डिजिट पर ही थम गया. पार्टी को 99 सीटें मिली हैं.

पहले से कम होगी मिठास

इन आंकड़ों से साफ है कि भाजपा राज्य में सरकार तो बनाने जा रही है लेकिन जीत की मिठास इस बार पहले से कम होगी. दोनों राज्यों में जीत की ओर बढ़ रही भाजपा की जीत से गदगद अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि इस जीत से देश को तीन नासूरों से मुक्ति मिल गई है. देश को अब जातिवाद, वंशवाद और तुष्टिकरण से छुटकारा मिला है.

वहीं कांग्रेस पार्टी के लिए यह चुनाव खासा निर्णायक था. पार्टी के लिए अब नए अध्यक्ष राहुल गांधी के धुंआधार चुनावी अभियान और मोदी से सीधे टक्कर लेने के क्रम में हार की ज़िम्मेदारी का ठीकरा राहुल के सिर पर फोड़े जाने से बचा पाना मुश्किल होगा.

Advertisement

निर्णायक है गुजरात

गुजरात का चुनाव इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी खासा निर्णायक साबित हुआ है. उनके लिए गुजरात जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था. गुजरात में भाजपा की हार से 2019 का रास्ता खासा कठिन हो जाता. लेकिन जीत ने मोदी को थोड़ा सा आश्वस्त ज़रूर किया है.

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से इस चुनाव में प्रचार किया है, उससे राहुल गांधी के लिए यह हार इतनी बुरी नहीं रह जाएगी. वो अपने आप को एक टक्कर देने वाले नेता और विपक्ष के चेहरे के तौर पर इस चुनाव में स्थापित कर पाए हैं और कांग्रेस पार्टी की वर्तमान स्थिति को देखें तो यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.

गुजरात चुनाव के नतीजों में भले ही भाजपा को जीत मिल जाए लेकिन प्रधानमंत्री के आर्थिक सुधार को एक कठिन संदेश दे पाने में गुजरात सफल रहा है. निश्चय ही नरेंद्र मोदी को अपने आर्थिक सुधारों के बारे में फिर से सोचना पड़ेगा क्योंकि जो रिस्क उन्होंने गुजरात में देख लिया है, वो उसे बाकी राज्यों में दोहराना नहीं चाहेंगे.

दूसरा बड़ा संदेश यह आ रहा है कि गुजरात के जिन हिस्सों को भाजपा अपना अभेद्य दुर्ग मानती थी, वहां पर सेंध लगा पाने में कांग्रेस सफल रही है और इससे राज्य में कांग्रेस अपनी नई ज़मीन तैयार कर पाने की स्थिति में और भाजपा को आने वाले चुनावों में टक्कर देती नज़र आ सकती है. भाजपा के लिए यह मीठे में कंकड़ वाली स्थिति है.

Advertisement

हिमाचल में खिला कमल

हिमाचल प्रदेश में भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल समेत 337 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला हो गया है. राज्य में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस ने सभी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हिमाचल में 75.28 फीसदी मतदान हुआ है. यहां वीरभद्र सिंह ने अपनी सीट तो बचा ली लेकिन हिमाचल की सत्ता उनके साथ से निकल गई. उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी जीत दर्ज की है. भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे प्रेम कुमार धूमल की हार से यहां पार्टी को बड़ा झटका लगा है.

चुनाव पूर्वानुमानों में भी भाजपा की जीत की संभावना जताई गई जो सच साबित हो गई है. हालांकि आंकलन के विपरीत कांग्रेस का प्रदर्शन इतना बुरा नहीं रहा है और राज्य में उनकी बुरी तरह हार की भविष्यवाणी सही साबित नहीं होती दिखाई दे रही है.

सही साबित हुआ आजतक का एक्ज़िट पोल

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव पर आजतक के एग्जिट पोल में 'कमल' खिलने का अनुमान लगाया था जो कि सही साबित होता नज़र आ रहा है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात की कुल 182 सीटों में से बीजेपी को 99 से 113 सीटें और कांग्रेस को 68-82 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था. अन्य के खाते में 1-4 सीटें जाने का अनुमान था.

Advertisement

बीजेपी को 47 फीसदी और कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिलने की संभावना थी. 11 फीसद वोट अन्य की झोली में जाने का अनुमान था. राज्य में पिछले चुनाव यानी 2012 की बात करें तो गुजरात विधानसभा में बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 61 सीटें मिली थी. बाकी सीटें अन्य के हिस्से आई थीं.

Advertisement
Advertisement