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सहयोगियों की जगह अपने उम्मीदवार उतारते तो नतीजा कुछ और होता: अहमद पटेल

अहमद पटेल ने कहा कि भले ही हम जीत नहीं पाए हैं, लेकिन गुजरात में बीजेपी की नैतिक हार हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हर बार चुनावों में उनके नाम का गलत इस्तेमाल करती है. इसके जरिए बीजेपी का लक्ष्य चुनाव का ध्रुवीकरण करने का था.

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कांग्रेस नेता अहमद पटेल (फाइल)
कांग्रेस नेता अहमद पटेल (फाइल)

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गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है. पिछले 22 साल से राज्य में बीजेपी की सत्ता है. लेकिन इस बार बीजेपी को जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा. कांग्रेस के रणनीतिकार अहमद पटेल ने कहा कि भले ही राज्य में बीजेपी की सरकार बनी हो, लेकिन कांग्रेस को इस चुनाव से कई मुख्य बिंदु मिले हैं.

अहमद पटेल ने कहा कि भले ही हम जीत नहीं पाए हैं, लेकिन गुजरात में बीजेपी की नैतिक हार हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हर बार चुनावों में उनके नाम का गलत इस्तेमाल करती है. इसके जरिए बीजेपी का लक्ष्य चुनाव का ध्रुवीकरण करने का था.

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पटेल ने अपनी हार का ठीकरा अपने सहयोगियों पर भी फोड़ा. उन्होंने कहा कि हमने अपने सहयोगियों को जो सीटें दी, अगर वहां अपने उम्मीदवार उतारते तो अंतर पड़ सकता था. हमारे बड़े कांग्रेस नेताओं को टारगेट किया गया और हराया गया.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रचार के बारे में अहमद पटेल ने कहा कि उन्होंने काफी अच्छी तरीके से प्रचार किया. वह लोगों को साथ लेकर चले, और एक आम कार्यकर्ता के साथ भी अच्छा टच बनाया. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता हमेशा से ही एक्टिव थे, लेकिन राज्यसभा चुनावों के बाद कार्यकर्ताओं ने चुनावों के लिए जोर पकड़ा.

उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि एक पार्टी है जो कि उनके लिए काफी प्यार करती है. अहमद पटेल बोले कि जो लोग 150 सीट की बात कर रहे थे, उन्हें भारी हार मिली है. हमारे दुश्मनों के पास केंद्र, राज्य की सरकारें थीं. उसके बाद भी हमारे खिलाफ हथकंडे अपनाए गए.

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गौरतलब है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले हुए राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अहमद पटेल को हराने में एड़ी-चोटी का जोर लगाया था, लेकिन अहमद पटेल अंत में चुनाव जीते. चुनाव प्रचार के दौरान भी इस तरह के पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें अहमद पटेल को कांग्रेस का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया जा रहा था.

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