चुनाव दर चुनाव भारत के मानचित्र पर भारतीय जनता पार्टी का भगवा परचम लहरा रहा है. यूपी में बीजेपी के पक्ष में आए अभूतपूर्व नतीजों के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का जो सवाल उठा था, वो सोमवार को गुजरात में बीजेपी को जीत मिलने के बाद फिर गर्मा गया.
हालांकि, यूपी की तरह मायावती जैसे किसी पार्टी मुखिया ने ईवीएम हैकिंग या गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया, लेकिन कांग्रेस की तरफ से दबे लफ्जों में ईवीएम का मुद्दा उठाया गया. वहीं गुजरात में उनका समर्थन करने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ईवीएम हैकिंग का गंभीर आरोप लगाया. उनसे जब सबूत मांगे गए तो वो निगाह फेरते नजर आए.
लेकिन चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की डिमांड पर ईवीएम के साथ जिस वीवीपैट मशीन को इस बार गुजरात चुनाव में इस्तेमाल किया था, उसके नतीजे काफी विश्वसनीय आए हैं. सूबे में कुल 182 विधानसभा सीटों में 182 मतदान केंद्रों पर वीवीपैट लगाई गई थी. सोमवार को नतीजों के साथ जब चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट से निकली पर्चियों के वोटों का मिलान किया तो वो एकदम सही साबित हुए.
आयोग के मुताबिक, 182 मतदान केंद्रों पर इस्तेमाल वीवीपैट और ईवीएम के रिजल्ट 100 फीसदी सही साबित हुए. चुनाव से पहले आयोग ने कहा था कि वह 182 निर्वाचन क्षेत्रों में से हरेक पर एक मतदान केंद्र पर ईवीएम पर मतों और वीवीपीएटी पर्चियों की बिना किसी क्रम के (रैंडम तरीके से) से गणना करेगी.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों द्वारा दी गई पर्चियों के नतीजों का 100 फीसदी मिलान हुआ.' दरअसल, ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद ही कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम के मतों और पेपर ट्रेल मशीनों की पर्चियों का मिलान कराने का फैसला किया गया था.