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गुजरात: प्रचार के आखिरी दौर में इन मुद्दों ने BJP को दिलाई जीत

बीजेपी के लिए गुजरात की राह आसान नहीं थी. खासतौर पर तब जब वो पार्टी केंद्र में सत्ताधारी हो और उसके पीएम के गृहराज्य में चुनाव हों. जिस तरह से नोटबंदी-जीएसटी को लेकर गुजरात में माहौल बना उससे बीजेपी के लिए सत्ता विरोधी लहर की आशंकाएं प्रबल हो रही थीं.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

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गुजरात में एक बार फिर से बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है, बीजेपी राज्य में लगातार छठी बार सरकार बना रही है, और मोदी के नेतृत्व में अपना करिश्मा भी दिखा रही है. 22 साल बाद भी अगर बीजेपी गुजरात की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही है, तो ये सिर्फ और सिर्फ मोदी की बदौलत है.

बीजेपी के लिए गुजरात की राह आसान नहीं थी. खासतौर पर तब जब वो पार्टी केंद्र में सत्ताधारी हो और उसके पीएम के गृहराज्य में चुनाव हों. जिस तरह से नोटबंदी-जीएसटी को लेकर गुजरात में माहौल बना उससे बीजेपी के लिए सत्ता विरोधी लहर की आशंकाएं प्रबल हो रही थीं.

वहीं दूसरी तरफ पटेल आरक्षण आंदोलन की वजह से हालात बीजेपी के हाथ से फिसल रहे थे तो कांग्रेस का हाथ मजबूत कर रहे थे, सिर्फ सत्ता विरोधी लहर या फिर पाटीदार आरक्षण आंदोलन ही चुनौती नहीं बन रहे थे, बल्कि अचानक दलित और ओबीसी युवा नेताओं के तौर पर जिग्नेश और अल्पेश ठाकोर का भी उदय बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने लगा था.

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बीजेपी के लिए अंदरूनी बड़ा सवाल ये भी था कि गुजरात में 15 साल में पहली बार नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी नहीं थे. कांग्रेस इन्हीं सारे समीकरणों की वजह से 22 साल बाद सत्ता की वापसी का मौका तलाश रही थी. लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कांग्रेस समझना नहीं चाहती थी और अपने बनाए माहौल में उसे बीजेपी की हार दिखाई दे रही थी.

लेकिन गुजरात के मतदाता के मन को अगर सही मायने में किसी ने पढ़ना सीखा है तो वो पीएम मोदी ही हैं जी हां मोदी ने गुजरात जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी. गुजरात के कच्छ इलाके से मोदी ने अपना मिशन गुजरात शुरू किया, और कांग्रेस को डोकलाम से लेकर पाकिस्तान तक घेरा, मोदी ने डोकलाम मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरते हए कहा कि जब भारतीय सेना डोकलाम में चीन की सेना के साथ आंख से आंख मिलाकर बात कर रही थी, तब ये चीनी राजदूत के साथ गले मिल रहे थे.

मोदी ने गुजरात चुनाव में हाफिज़ सईद की रिहाई को भी खींच लिया. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान में जब मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद को छोड़ा गया, तब कांग्रेस वाले ताली बजा रहे थे. गुजरात के लिए मोदी ने 26/11 हमले से लेकर, उरी में आतंकी हमले तक, हर मुद्दे को अपने प्रचार में खींच लिया. मोदी ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस ने महा गुजरात आंदोलन के दौरान कई युवाओं को मार दिया. 2001 में जब कच्छ में भूकंप आया, तो हमारी सरकार ने यहां पर काफी तेजी से काम किया कांग्रेस ने हमेशा ही गुजरात को बैर की नजर से देखा है. मोदी ने कहा मेरी ट्रेनिंग कच्छ में हुई थी, कच्छ के लोगों ने मुझे सिखाया है.

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मोदी ने अपने प्रचार में कहा कि गुजरात मेरी मां है, मेरे ऊपर कभी कोई दाग़ नहीं था, लेकिन कांग्रेस गुजरात में आकर मेरे ऊपर आरोप लगा रही है, मुझे भला-बुरा कह रही है. गुजरात की जनता कभी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी.  गुजरात के बेटे पर हमला यहां के लोग माफ नहीं करेंगे.

मोदी सरकार गुजरात में नोटबंदी और जीएसटी पर घिरती दिखाई दी तो मोदी ने यहां भी इमोशनल कार्ड खेल दिया. मोदी ने कांग्रेस को वंशवाद और विकासवाद की लड़ाई पर भी घेरा. मोदी ने गुजरात के सामने वोटों के झोली फैलाई तो, जनता ने भी निराश नहीं किया, कहते हैं ना कि पुराने रिश्ते ज़रूरत पड़ने पर काम आते हैं, गुजरात के वोटरों ने भी मोदी को निराश नहीं किया और 22 साल पुराने रिश्ते को ज़रूरत के वक्त शिद्दत से निभाया.

कांग्रेस की बदज़ुबानी पर पीएम मोदी का ओबीसी कार्ड भी कांग्रेस की तरफ से तोहफा था, जिसे कोई भी दिग्गज राजनीतिज्ञ हाथ से जाने नहीं देता, और जैसे ही मणिशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी नीच बोला. उन्होंने फौरन घेर लिया, फिर तो कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुग़लिया सल्तनत की निशानी है. मोदी ने कहा कि अय्यर का बयान उनका नहीं बल्कि गुजरात का अपमान है.

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