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इंटरव्यू में बोले राहुल- गीता में लिखा है काम करो, मेरी उसी में रुचि, रिजल्ट में नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दूसरे दौर के मतदान से एक दिन पहले एक गुजराती चैनल को इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि गुजरात गुजरात का चुनाव एक तरफा होने वाला है. गीताजी में लिखा है- काम करो फल की चिंता मत करो. मेरा इंटेस्ट काम में है, रिजल्ट में नहीं.

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कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दूसरे दौर के मतदान से एक दिन पहले एक गुजराती चैनल को इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि गुजरात का चुनाव एक तरफा होने वाला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मुझे गुजरात में ज्यादा कैंपेन करने को मना किया था लेकिन मुझे काम में इंट्रेस्ट है, रिजल्ट में नहीं. गीताजी में लिखा है- काम करो फल की चिंता मत करो. मैं उसी को मानता हूं.

राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक पुरानी विचारधारा वाली पार्टी है, गुजरात में बीजेपी के पास कोई विजन नहीं है. मोदी ने गुजरात की जनता के सामने कोई विजन नहीं रख सके हैं. मोदी या तो अपनी बात करते रहे या फिर कांग्रेस के बारे में बोलते रहे लेकिन गुजरात के लिए उन्होंने कुछ नहीं कहा.

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राहुल ने कहा कि हम लोग पिछले चार महीने में गुजरात के लोगों से बात कर रहे हैं. मैंने पिछले कुछ दिनों में गुजरात के लिए दिल से काम किया है. अभी मेरा पूरा ध्यान गुजरात के चुनाव पर था. गुजरातियों ने खाने की हर डिश में कुछ नया काम किया है.

राहुल ने कहा कि ये चुनाव मेरे और मोदी जी के बीच नहीं है, ये चुनाव गुजरात के लोगों के लिए है. कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि गुजरात में कैंपेन नहीं कीजिए, लेकिन मैंने कहा कि मैं करूंगा और मुझे आउटकम की चिंता नहीं करो. गीता में लिखा है कि काम करो फल की चिंता मत करो.  

राहुल ने कहा कि गुजरात का चुनाव राहुल और मोदी के बीच नहीं देखा जाना चाहिए. ये चुनाव गुजरात की आवाम, किसान, नौजवान और महिलाओं के मुद्दों पर है.

राहुल ने कहा कि मेरे मंदिर जाने पर क्या कोई मनाही है? राहुल ने कहा कि बीजेपी के लोग ये मुद्दा उठाते हैं. क्या मेरा जाना मना है. बीजेपी ये डिसाइड करेगी. मैं केदारनाथ में मंदिर गया. ये तो मैं करता हूं, बीजेपी को घबराहट हो रही है, डर रहे हैं. कोई न कोई मुद्दा निकाल रहे हैं. गुजरात समझ गया है कि विकास की बात नहीं हो रही है. उनके सामने मुद्दा नहीं मिला.भविष्य पर बोलने से भाग जाते हैं. सच्चाई बाहर आ गई है.

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राहुल ने कहा कि गुजरात चुनाव में एक मीटिंग के दौरान हम एक मंदिर में गए थे. पुजारी ने पूजा की और बोला- ये मेरी बेटी के लिए? मैं कन्फ्यूज हो गया? मतलब समझा नहीं, तब उन्होंने कहा- ये सोनिया जी के लिए दिया है. जब वो अमेरिका जाएंगी तो ये शॉल उनके साथ भेजना, तो फिर मुझे फोन करना अमेरिका के बाद. तो फिर मैंने उनसे कहा- मैं आपकी बात करता देते हूं. मॉमा से कहा कि ये आपसे बात करना चाहते हैं. वो भी कन्फयूज हो गए. तो उनकी आंख से आंसू निकल रहे थे. मेरे अंदर भी रोना आ गया था.

राहुल ने कहा कि मेरी जितना आलोचना होती हैं, मै उतना ही मजबूत हो रहा हूं. उन्होंने कहा कि मै मोदी जी से नफरत कर ही नहीं सकता हूं. राहुल ने कहा कि मेरी छवि कोई मेकओवर नहीं है. राहुल गांधी की ये सच्चाई है. बीजेपी ने उसे पैसे और अपने वर्कर्स के जरिए रोका था. बहुत पैसा लगा. बहुत सारे लोग लगाए गए थे. इमेज को खराब करने के लिए. मैं सच्चाई बोलता हूं. उसके वो रोक नहीं पाए, मेकओवर कुछ नहीं हुआ है.

राहुल ने कहा कि मैं कौन हूं. मैंने सिर्फ गुजरात की आवाज उठाई है. जनता से बीजेपी डर रही है. उन्होंने कहा कि मेरे और मोदी के बीच चुनाव नहीं है. गुजरात की फीलिंग का चुनाव है. मैंने सिर्फ प्यार से लोगों से गले मिला, जो सुना बोला. सूरत के व्यापारियों ने जो बोला मैंने बोला, आदिवासियों की बात बोला.उससे वो डर रहे हैं. जो गुजरात बोल रहा है उससे वो डर रहे हैं, घबरा रहे हैं.

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राहुल ने कहा कि जो मेरे परदादा, दादी या पापा और मां हों, इन सभी से ये देश हमसे बड़ा है. इस देश का जो इक्प्रेशन है, इसे सुनना, समझना जो भी दिल से मदद की जा सकती है, उसे करना. पद से कोई मतलब नहीं है. पद जो भी हो, अंदर भावना नहीं होगी तो कुछ नहीं होगा. अगर किसी इंसान को देखते हैं दिन भर काम कर रहा है तो उसकी कठिनाई है, उसके दर्द को समझने में बहुत फर्क होता है. हाथ मिलाने पर किसान का दर्द समझ में आता है. ये एक फीलिंग है.

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