गुजरात में अल्पेश और जिग्नेश के बाद हार्दिक पटेल पर डोरे डालने में जुटी कांग्रेस अब नई रणनीति के साथ सियासी रण में है.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल जो संविधान के ज्ञाता भी हैं, उनको इस काम पर लगाया कि पटेल आंदोलन के चलते हार्दिक पटेल की आरक्षण की मांग मान ली जाए. जिससे हार्दिक पटेल भी कांग्रेस के साथ हो जाएं.
इसी फेहरिस्त में गुजरात कांग्रेस के सबसे बड़े पाटीदार नेता सिद्धार्थ पटेल और गुजरात कांग्रेस के लीगल सेल के हेड अजय बांकुरिया ने दिल्ली आकर कपिल सिब्बल से मुलाकात की.
सिब्बल ने सोनिया को दिए 3 विकल्प
सूत्रों के मुताबिक कपिल सिब्बल ने संविधान के मद्देनजर हार्दिक की आरक्षण की मांग पर 3 विकल्प सोनिया को सुझाए हैं. जिसके बाद उन विकल्पों पर आज-कल में सोनिया हरी झंडी दे देंगी. उसके बाद कांग्रेस हार्दिक पटेल को अपना फॉर्मूला बता देगी.
बीजेपी के विरोध में कांग्रेस का साथ
सूत्रों की मानें तो हार्दिक पटेल और कांग्रेस के बीच अजय बानकुरिया वह शख्स हैं, जो पाटीदार समाज से आते हैं. वह कांग्रेस से जुड़े हैं लेकिन हार्दिक के वकील भी रह चुके हैं. उनकी मौजूदगी में कांग्रेस और सिब्बल वह फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं. जिससे बीजेपी विरोध के नाम पर हार्दिक पटेल कांग्रेस का साथ दे सकें.
कांग्रेस और सिब्बल की कोशिश है कि इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया के जरिए बाहर आने से पहले हार्दिक पटेल तक पहुंचे और वह फॉर्मूले पर सहमति जताएं. जिसके बाद ही मामला आगे बढ़े. कांग्रेस को लगता है कि अगर मामला पहले बाहर आ गया तो बात बिगड़ सकती है. इसलिए कांग्रेस सिब्बल के फॉर्मूले को छुपाए बैठी है. वह चाहती है कि सीधे डील हो, बीच में फॉर्मूला बाहर आया तो मामला बिगड़ सकता है.
ऐसे मिल सकता है हार्दिक का समर्थन
वैसे राज्य सरकार संवैधानिक बारे में किस हद तक आरक्षण के फॉर्मूले को लागू कर सकती है यह सिब्बल बता देंगे. लेकिन बीच में फंसने पर कोशिश यही रहेगी कि पूरे मामले को केंद्र पर डाल दिया जाए. यानी राज्य सरकार अपनी ओर से हार्दिक पटेल की पूरी मांग न माने और बाद में हार्दिक और कांग्रेस मिलकर कहें कि राज्य और केंद्र चाहते तो यह आरक्षण पाटीदारों को मिल जाता.बीजेपी की राज्य सरकार और केंद्र ने ऐसा नहीं किया. इसलिए पाटीदार आरक्षण से वंचित रहे. आखिर में कांग्रेस इसी फॉर्मूले पर आगे बढ़कर राज्य में हार्दिक का समर्थन ले सकती है. ऐसे में हार्दिक और कांग्रेस मिलकर बीजेपी पर निशाना साध सकते हैं.
कुल मिलाकर कांग्रेस अल्पेश और जिग्नेश के बाद हार्दिक से भी दिल दर्द होने की बात कर रही है. लेकिन उसकी कोशिश है कि हार्दिक, जिग्नेश और अल्पेश अपने वोटरों के बीच कांग्रेस के सामने झुकते हुए ना नजर आएं. बल्कि कांग्रेस से उनके हितों की बात करते दिखाई दें. जिससे उनका वोटर उनके साथ रहे और कांग्रेस की मदद कर सकें. इसी लड़ाई के साथ कांग्रेस अपनी सियासी गोटियां गुजरात के शतरंज की बिसात पर लगातार चल रही है.
इसलिए पीएम मोदी से टकरा रहे हैं राहुल
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के गुजरात प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत जो पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं वह इस में अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं बीजेपी के हिंदू मुस्लिम गांव से बचने के लिए पर्दे के पीछे से अहमद पटेल अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी फ्रंटफुट से प्रधानमंत्री मोदी के सामने टकरा रहे हैं.