गुजरात में युवा पाटीदार नेताओं के हमले से भारतीय जनता पार्टी गुजरात में घिरती हुई नज़र आ रही है. अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इन युवाओं के साथ आ रहे हैं. गांधीनगर में अल्पेश ठाकुर की तरफ से आयोजित 'नवसर्जन गुजरात जनादेश' रैली में राहुल गांधी भी शामिल हुए.
लाइव अपडेट
- जीएसटी का मतलब गब्बर सिंह टैक्स.- मोदी जी ने नोटबंदी में फेल होने पर फांसी की बात कही थी, सरकार ने पूरे देश का पैसा जब्त किया.
- नोटबंदी लागू कर मोदी जी ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी, उन्हें खुद नहीं समझ आया क्या हुआ.
- देश में हर काम श्रेय मोदी दी खुद लेने लगते हैं लेकिन मैं बताया चाहूंगा कि जनता की शक्ति से ही सारा काम होता है.
- गुजरात के दिल का दर्द सुनने आया हूं.
- अमित शाह के बेटे पर मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला.
-मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया फेल हो गया लेकिन जय शाह की कंपनी रॉकेट की तरह ऊपर गई.
- मोदी जी आपने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा, लेकिन जय शाह ज्यादा खा गया.
- सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, कहां गया 35 हजार करोड़ रुपया.
- देश में गरीबों का नहीं, सिर्फ अमीरों का कर्जा माफ कर रही है सरकार.
- बड़े कारोबारियों के करोड़ों रुपये के कर्ज माफ कर दिए. लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करते.
- शिक्षा के लिए गुजरात का युवा कॉलेज में पैसा नहीं दे पाता.
- मोदी जी मन की बात कहते हैं, आज मैं प्यार से मोदी जी को गुजरात के दिल की बात कहना चाहता हूं.
- मोदी जी आप गुजरात में चाहे जितना पैसा लगा दो, लेकिन इनकी आवाज को आप खरीद नहीं सकते, दबा नहीं सकते.
- राहुल बोले- मोदी जी से परेशान युवा अब शांत नहीं होंगे.
- अल्पेश जी आपने यहां लोगों से शांत रहने को कहा, लेकिन ये युवा मोदी सरकार से तंग हैं, ये शांत नहीं रह सकते.
- यहां पिछले 22 सालों से गुजरात की जनता की सरकार नहीं, बस 5-6 उद्योगपतियों की सरकार चल रही है.
- पूरे गुजरात में आंदोलन चल रहा है. राज्य के सभी युवा किसी न किसी आंदोलन से जुड़े हैं.
- रैली में राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत जय माता दी, जय सरदार, जय भीम के नारे से की.
- यहां रैली में राहुल गांधी ने छोटी बच्ची के हाथों रोटी, प्याज़ और मिर्च खाई. वहीं अल्पेश ने बताया कि उन्होंने राहुल को गुजरात का गुड़ दिया है.
Gujarat: Congress Vice President Rahul Gandhi at 'Navsarjan Janadesh Mahasammelan' in Gandhinagar. pic.twitter.com/KRG1mvzeUF
— ANI (@ANI) October 23, 2017
अल्पेश बोले- तख्तोताज नहीं, बस सम्मान मांगा है
- मुझे तख्तो-ताज नहीं चाहिए, मैंने कांग्रेस से सिर्फ अपने लोगों के लिए सम्मान मांगा है. अल्पेश ठाकोर मरते मर जाएगा, लेकिन आपसे विश्वासघात कभी नहीं करेगा.
- गुजरात आए राहुल गांधी से हमारी यही मांग है कि किसानों का कर्ज माफ हो जाए, बेरोजगारों को रोजगार मिले, शराबबंदी पूरी तरह लागू हो.
- अगर वे अल्पेश ठाकोर में जेल में डाल देते हैं या मार भी डालते हैं, तो भी आप कांग्रेस की ही सरकार बनाना.
- अबकी बार गुजरात में ना रुपया चलेगा, ना शराब चलेगी. इस बार सिर्फ कांग्रेस की सरकार चलेगी.
- इस बार गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी और 125 से ज्यादा सीटें जीतेगी.
- आज गुजरात में हर तबका जागा है, वह होकर लड़ेगा और कांग्रेस की सरकार बनाएगा.
- बीजेपी के 150 सीटों के लक्ष्य को अल्पेश ठाकोर ने झूठा करार दिया.
- गुजरात में अबकी बार गरीबों-पिछड़ों की सरकार आएगी.
- गुजरात में किसानों- बेरोजगारों के यहां विकास का जन्म ही नहीं हुआ, पहले उनके घर विकास का जन्म कराइए.
- हमें सम्मान चाहिए, अगर सम्मान कांग्रेस में मिल रहा है, तो कांग्रेस में ही शामिल होना चाहिए.
- गुजरात के अंदर जिस आंदोलन को लेकर हम लेकर निकले हैं, गरीबों, पिछड़ों, बेरोजगारों, किसानों के विकास की जिस विचारधारा को लेकर हम लड़ रहे हैं.
- राहुल जी ने कहा कि यही तो कांग्रेस की विचाधारा है. यह सुनने पर हमने कांग्रेस से जुड़ने का फैसला है.
- आज गुजरात जनादेश सम्मेलन में सभी गरीबों, युवाओं की तरफ से राहुल गांधी का स्वागत है.
रैली में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी जब अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे, तो वहां अल्पेश ठाकोर ने उन्हें रिसीव किया. इस रैली में अल्पेश ने भी लोगों को संबोधित किया.Welcoming Rahul Gandhi ji at Ahmedabad Airport, ahead of OBC Sammelan at Gandhinagar! @INCIndia @OfficeOfRG @INCGujarat #CongressForAll pic.twitter.com/ryLhAXJJCn
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) October 23, 2017
इस रैली से पहले राहुल गांधी की अल्पेश और कुछ पाटीदार नेताओं के साथ लंच पर चर्चा हुई. होटल ताज के रूम नंबर 224 में राहुल और पाटीदार नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक मुलाकात चली. इस दौरान BJP का साथ छोड़ चुके निखिल सवानी भी वहां मौजूद थे.
पहले भी कांग्रेस के साथ थे अल्पेश#RahulGandhi, Alpesh Thakor, Ashok Gehlot & Nikhil Savani at Taj hotel, Ahmedabad where Rahul- Hardik Patel meet took place .@gopimaniar pic.twitter.com/QJcgOElv7i
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) October 23, 2017
बता दें अल्पेश इससे पहले 2009 से 2012 तक कांग्रेस के ही साथ थे. अल्पेश के पिता खोड़ाजी ठाकोर भी कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं और अभी अहमदाबाद के ग्रामीण जिला अध्यक्ष हैं. वहीं अल्पेश ने भी कांग्रेस की टिकट पर पिछला जिला पंचायत चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे.
इसके साथ ही कांग्रेस ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को भी इस रैली में शामिल होने की दावत दी थी. हालांकि इंडिया टुडे से बातचीत में इन दोनों नेताओं ने ऐसी किसी न्योते से इनकार किया है.
युवा शक्ति का साथ
गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 22 साल से बाहर चल रही कांग्रेस इस बार सिंहासन पर वापसी की पूरी कोशिश कर रही है. राज्य की 65 फीसदी आबादी की उम्र 35 साल से कम है, ऐसे कांग्रेस की कोशिश इस 'युवा शक्ति' को साध कर सत्ता तक पहुंचने की है. इसके लिए पार्टी हार्दिक पटेल, मेवानी और ठाकोर जैसे युवा नेताओं को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रही है. इन नेताओं के पास अपने अपने समुदायों में खासा जनाधार है.
गुजरात के रण में अल्पेश का महत्व
गुजरात के चुनावी रण में अल्पेश ठाकोर का महत्व इसी से समझा है कि ठाकोर जिस ओबीसी समुदाय के प्रतिनिधित्व का दावा करते हैं, राज्य में उसकी आबादी 54 फीसदी के करीब है. यही वजह है कि अल्पेश चुनावी चौसर पर अपना दांव बेहद चतुराई से चल रहे हैं. वह सार्वजनिक मंचों से बीजेपी को हराने की हर मुमकिन कोशिश की घोषणा कर चुके हैं.
हार्दिक-जिग्नेश का मिलेगा साथ?
वहीं जिग्नेश मेवानी ने राज्य में युवा दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है. जिग्नेश पेशे से वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. सूबे में करीब 7 फीसदी दलित मतदाता हैं. ऐसे में राज्य स्तर पर यह संख्या तो कम लगती है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के सपनों पर परवान चढ़ाने में यह दलित वोटबैंक काफी अहम भूमिका निभा सकता है.
जहां तक राज्य में पटेलों की बात करें, तो संख्या के हिसाब से वह भले ही उतनी बड़ी आबादी न हों, लेकिन यह तबका सूबे में काफी प्रभावशाली माना जाता है. ऐसे में हार्दिक पटेल अगर कांग्रेस के साथ आते या समर्थन करते हैं, तो कांग्रेस को इससे बड़े सियासी फायदे की उम्मीद है. ये दोनों नेता यूं तो मुखर रूप से बीजेपी विरोधी रहे हैं, लेकिन उन्होंने अब तक कांग्रेस के समर्थन की घोषणा नहीं की है. ऐसे में राहुल गांधी की रैली में इन दोनों नेताओं का भी समर्थन मिलने की उम्मीद की जा रही है.
तीन महारथियों के सहारे मिशन 125 में कांग्रेस
शायद यही वजह है कि गुजरात कांग्रेस प्रमुख भरतसिंह सोलंकी खुल कर इन तीनों नेताओं को साथ लाने की कोशिश करते रहे हैं. बीते दिनों सोलंका ने भरोसा जताया कि इन नेताओं के 'समर्थन और आशीर्वाद' से पार्टी कुल 182 सीटों में 125 से ज्यादा सीटें आसानी से जीत जाएगी. सोलंकी ने संवाददाताओं से कहा, 'हालांकि भाजपा चुनाव जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही है पर गांधीनगर के लिए कांग्रेस के विजय मार्च को रोकने में उसे सफलता नहीं मिलेगी.'
कांग्रेस इन तीनों युवा नेताओं के साथ जेडीयू नेता छोटू वसावा को भी अपने साथ लाने की कोशिश में है. वसावा ने राज्यसभा चुनावों में पार्टी लाइन से इतर जाकर कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिया और इसी से उनकी जीत सुनिश्चित हो पाई थी.