गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता का वनवास को भले ही तोड़ न पाई हो, लेकिन पार्टी सीटें बढ़कर 77 पर पहुंच गई है. कांग्रेस के इस जीत का श्रेय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ कहीं न कहीं गुजरात की युवा त्रिमूर्ति को भी दिया जा रहा है.
बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की अहम भूमिका मानी जा रही है. इसीलिए कांग्रेसी नेताओं के साथ जातीय आंदोलन से निकले और विधायक बने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी हार्दिक पटेल को अपना नेता मान लिया है.
गुजरात की युवा त्रिमूर्ति आजतक के कार्यक्रम हल्ला बोल में आई. तीनों नेताओं के बीच जबरदस्त कैमिस्ट्री दिखी. तीनों एक दूसरे के बचाव और पक्ष में खड़े होते नजर आए. अल्पेश, जिग्नेश और हार्दिक ने एक सुर में कहा कि ये दोस्ती अब और भी मजबूत होगी.
कांग्रेस के समर्थन से विधायक बनने वाले जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि विधानसभा के पहले दिन जब जाएंगे तो हार्दिक और अल्पेश के राय मशवरा से मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि हार्दिक और मोदी के बीच नेता चुनना होगा तो वो फिर हार्दिक को अपना नेता चुनना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि हार्दिक से बात करके विधानसभा सत्र के पहले दिन ही कैग की रिपोर्ट के पेश करने के लिए दबाव बनाएंगे.
कांग्रेस से विधायक बने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर एक दौर में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के काउंटर में ओबीसी आरक्षण बचाने के लिए आंदोलन किया था, लेकिन विधायक बनते ही उनकी भाषा बदल गई है. अल्पेश ने कहा,' गरीब सवर्ण को भी आरक्षण में शामिल किया जाए. पाटीदार, क्षत्रिय, ब्राह्मण और जैन समुदाय के जो लोग गरीब हैं उनके आरक्षण के लिए वो विधानसभा में उठाएंगे.
अल्पेश ने कहा कि गुजरात में हमारी सरकार सत्ता में आती तो हम आरक्षण का फॉर्मूला पेश करते, लेकिन अब हार्दिक के साथ मिलकर तीन लोग गरीबों की लड़ाई को लड़ेंगे. गुजरात में कांग्रेस की जीत में राहुल गांधी के साथ-साथ हम तीनों युवाओं की भी अहम भूमिका है. अल्पेश ने कहा कि हार्दिक भी डेढ साल के बाद राजनीति में आ रहा है. हम तीनों मिलकर एक साथ राजनीति करेंगे. हार्दिक ने कहा कि हमारे मुद्दे को अल्पेश और जिग्नेश विधानसभा में उठाएंगे.