गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर मुस्लिम संगठन जमाअत इस्लामी हिंद ने बड़ा ऐलान किया है. जमाअत ने गुजरात में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद जताई है.
दिल्ली में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस के दौरान जमाअत इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे लगता है कि एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी. इसके पीछे उन्होंने ओपिनियन पोल का भी हवाला दिया है. हालांकि, उनका संगठन किसे समर्थन करने जा रहा है, इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. दूसरी तरफ संगठन ने ये भी साफ किया है कि उनको नहीं लगता गुजरात में मुसलमान बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट करते हैं.
एक तरफ जहां संगठन ने बीजेपी की सरकार लौटने की उम्मीद जताई, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को झटका देने वाला बयान भी दिया. कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि राहुल गांधी गुजरात चुनाव को लेकर सक्रिय तो हैं, लेकिन वो बहुत असर नहीं डाल पा रहे हैं.
समर्थन देने पर अब तक कोई फैसला नहीं
जमाअत इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद जलालुद्दीन से जब ये सवाल पूछा गया कि संगठन किस पार्टी को समर्थन करने वाला है, इस पर उन्होंने कोई फैसला न होने की दलील दी. उन्होंने कहा कि जमाअत इस्लामी चुनाव में किसे समर्थन करेगी, ये अभी तय नहीं किया गया है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि संगठन की स्टेट कमेटी सूबे में लगातार काम कर रही है.
गुजरात में जमाअत इस्लामी का बड़ा असर
दरअसल, जमाअत इस्लामी हिंद का ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा सकता है कि क्योंकि गुजरात में इस संगठन का व्यापक असर है. यहां तक कि गुजरात की चुनावी राजनीति में संगठन काफी अहम रोल निभाता है. दूसरी तरफ संगठन का ये बयान को क्रांग्रेस और राहुल गांधी के लिए नसीहत के तौर भी देखा जा रहा है.
हर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जमीयत उलेमा-ए हिंद और जमाअत इस्लामी हिंद जैसे मजबूत इस्लामिक संगठनों को बुलाकर उनका समर्थन हासिल करती आई है. चुनाव से पहले इन संगठनों से मीटिंग कर समर्थन की अपील की जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा है. पार्टी के गुजराती नेता भी मानते हैं कि कांग्रेस मुस्लिम वोटरों पर ध्यान देने की बजाय सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ रही है. यही वजह है कि अब तक इन संगठनों को पार्टी ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया है.
गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर और दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोटिंग की जाएगी. जबकि नतीजे 18 दिसंबर को घोषित होंगे.