गुजरात में आज दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है. शाम 5 बजे के बाद एग्जिट पोल आने भी शुरू हो जाएंगे. 18 तारीख को तस्वीर साफ हो जाएगी क्या राज्य में भारतीय जनता पार्टी का 22 साल से शासन आगे भी जारी रहेगा या फिर राहुल गांधी की राजनीति में धमाकेदार वापसी होगी. गुजरात के नतीजे 2019 की तस्वीर भी साफ करेंगे.
क्या कायम रहेगी मोदी लहर?
2014 में नरेंद्र मोदी जब दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए तो उसका कारण मोदी लहर ही था. ये लहर गुजरात मॉडल के आधार पर शुरू हुई और इसी आधार पर मोदी ने अपनी रैलियों के दौरान इसी के आधार पर वोट मांगे थे. गुजरात के नतीजे ही तय करेंगे अगर यहां बीजेपी जीत जाती है तो आने वाले 2019 में भी मोदी का जादू चल पाएगा या नहीं.
राहुल इज़ बैक!
पिछले काफी लंबे समय से राहुल गांधी की राजनीतिक क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे थे. लेकिन गुजरात में प्रचार के दौरान राहुल का नया रूप दिखाई दिया. वह अब कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं. भारतीय जनता पार्टी लगातार उनके रिकॉर्ड को आधार बना निशाना साधती है कि राहुल के नाम सबसे ज्यादा चुनाव हारने का रिकॉर्ड है. अगर कांग्रेस ये चुनाव जीतती है तो 2019 के लिए मोदी के खिलाफ राहुल एक बड़े चेहरे के रूप में पेश किए जा सकते हैं.
गुजरात पीएम मोदी का गढ़ है. उन्होंने अभी तक हर चुनाव इसी को मॉडल दिखाकर वोट मांगें हैं और चुनाव जीते हैं. गुजरात के बाद कई अन्य राज्यों में भी चुनाव है. जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक राज्य में. इनमें से कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बीजेपी अगर गुजरात में हारती है तो इन पर भी असर पड़ेगा. चूंकि बीजेपी अभी तक मोदी के चेहरे के साथ ही आगे बढ़ रही है.
गुजरात पार तो बेड़ा पार!
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का गढ़ है. इसलिए बीजेपी के लिए गुजरात चुनाव जीतना ही सबसे बड़ी चुनौती है. इसी तरह अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो राहुल गांधी के लिए अध्यक्ष पद संभालने के बाद शानदार शुरुआत होगी. और विपक्षी नेता के तौर पर भी उनकी छवि में बड़ा बदलाव होगा. इस चुनाव को 2019 का सेमीफाइनल माना जा रहा है. देखना होगा आखिरी बाजी किसके हाथ होगी.