गुजरात में कांग्रेस को हार्दिक पटेल साथ मिलेगा या नहीं, इसको लेकर अभी संशय बरकरार है. कांग्रेस हार्दिक से खुलकर समर्थन हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है, लेकिन हार्दिक अपने पत्ते बड़ी सावधानी से खेल रहे हैं. हार्दिक ने कांग्रेस को आरक्षण पर 8 नवंबर तक अपना रुख साफ करने को कहा था, लेकिन अब तक इस पर अब तक पिक्चर क्लीयर नहीं हो पाई है.
इस संबंध में बुधवार देर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल अहमदाबाद पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी कार्यालय में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की कोर कमेटी से मुलाकात की. इस मीटिंग में गुजरात कांग्रेस के कई नेता भी शामिल रहे. हालांकि, पाटीदार आंदोलन के अग्रणी नेता हार्दिक पटेल इस मीटिंग में शामिल होने नहीं पहुंचे.
ये मीटिंग देर रात 11 बजे के बाद शुरू हुई. इसमें पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) की तरफ से 13 नेता शामिल हुए. इनमें दिनेश बमभानिया, अल्पेश कठेरिया, ललित वसोआ, मनोज पनारा, दिलीप सबवा, किरीट पटेल, नीरव पटेल, अमित पटेल, अतुल पटेल, हर्षद पटेल, प्रशांत पटेल, गीता पटेल और धर्मेश हार्दिक पटेल शामिल रहे.
Senior Congress leader Kapil Sibal meets Patidar leaders in Ahmedabad #GujaratElections2017 pic.twitter.com/BF7rlh7ECF
— ANI (@ANI) November 8, 2017
दरअसल, हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से जब आरक्षण पर रुख साफ करने की डेडलाइन दी थी उसके बाद कांग्रेस ने इस मसले की संवैधानिक वैधताएं देखने के लिए मशहूर वकील और नेता कपिल सिब्बल को दी थी. कपिल ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को विस्तृत रिपोर्ट सौंप चुके हैं. जिसके बाद बुधवार को वो खुद अहमदाबाद जाकर पाटीदार नेताओं से मिले.
हालांकि, इस मीटिंग में क्या निर्णय हुआ, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. लेकिन हार्दिक का मीटिंग में न आना कांग्रेस को जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने की मजबूरी का सबब बन सकता है.
गौरतलब है कि इसके पहले 30 अक्टूबर को भी कांग्रेस ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल और अन्य नेताओं के साथ बैठक की थी. हालांकि इस बैठक में पाटीदारों की मुख्य मांग यानी आरक्षण की मांग पर कांग्रेस कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाई थी. पार्टी की ओर से सिर्फ इतना कहा गया कि वह इस पर कानूनी राय लेगी. इस बैठक के बाद हार्दिक पटेल ने बैठक को सकरात्मक तो बताया था, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि आरक्षण पर कांग्रेस को अपना स्टैंड साफ करना होगा. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को 7 नवंबर तक का वक्त दिया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 8 नवंबर कर दिया था.
बता दें कि पाटीदारों और कांग्रेस के बीच चार बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है. जिनमें पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पीड़ितों को सहायता और पाटीदारों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने जैसी मांगे शामिल हैं. वहीं आरक्षण को लेकर अभी माथापच्ची जारी है. कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को आरक्षण के कानूनी पहुलओं पर विस्तृत रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी थी. जिसके बाद रविवार को कपिल सिब्बल और पाटीदार नेताओं के बीच मीटिंग हुई. हार्दिक ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस 8 नवंबर तक आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट कर देगी.