राहुल गांधी नोटबंदी और खासतौर पर जीएसटी को लेकर नाराज़गी को भुनाने में लगे हैं. इसके सहारे वो पीएम मोदी पर राजनैतिक हमले कर रहे हैं. अमित शाह के बेटे के बिज़नेस के मुद्दे पर राहुल गांधी को नया राजनैतिक बारूद मिला है. इस राजनीति और आंदोलनों के बीच बीजेपी के लिए गुजरात बड़ा चैलेंज बन गया है.
- गुजरात में पटेल और ओबीसी के बड़ा वर्ग दोनों में पिछले तीन साल से आंदोलन चल रहा है, जो बीजेपी के वोटर रहे हैं.
- बीजेपी की असली चुनौती 12% पटेल वोट और 50% ओबीसी वोट में अंदर नाराज़गी साधने की है.
- गुजरात में बीजेपी की दिक्कत ये भी है कि नरेंद्र मोदी गुजरात में सक्रिय नहीं है, और गुजरात नेतृत्व बंटा हुआ दिखता रहा है.
- गुजरात में खासतौर पर जीएसटी को लेकर से बीजेपी के खिलाफ माहौल बनता हुआ दिखा है.
- जीएसटी को लेकर सरकार ने चुनाव से ठीक पहले कई रियायतें दी लेकिन इनका कितना असर पड़ेगा ये कहना मुश्किल है.
हालांकि कांग्रेस की भी अपनी चुनौतियां हैं. कांग्रेस के बड़े चेहरे रहे शंकर सिंह वाघेला ने चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी छोड़ दी. संगठन के स्तर पर बीजेपी और कांग्रेस में अब भी बड़ा अंतर है.
- कांग्रेस की चुनौती ये है कि वो गुजरात में नाराज़गी को वोटों के हिसाब से कितना भुना पाएगी?
- गुजरात में राहुल गांधी का आक्रामक कैंपेन क्या बीजेपी के खिलाफ माहौल को कांग्रेस के लिए माहौल बन पाएगा?
- गुजरात में कांग्रेस के राज्य नेतृत्व को लेकर भी सवाल हैं, क्योंकि पिछले चुनाव में कोई भी नेता अपनी सीट नहीं जीत पाया था?
- क्या जातिगत समीकरण कांग्रेस अपने लिए साध पाएगी और बीजेपी के परंपरागत शहरी इलाकों में सेंध लगा पाएगी?
- क्या व्यापारी वर्ग जो बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक रहा है क्या उसमें कांग्रेस सेंध लगा पाएगी?