चुनाव आयोग ने टीवी इंटरव्यू के लिए राहुल को भेजा वह नोटिस वापस ले लिया है, जिस पर काफी हंगामा हुआ था. गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान टीवी इंटरव्यू देने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव आयोग ने नोटिस दिया था. आयोग ने 13 दिसंबर को यह नोटिस जारी किया था.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू दिखाने वाले न्यूज चैनल के खिलाफ भी FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. चुनाव आयोग के मुताबिक वोटिंग से ठीक एक दिन पहले इस तरह का इंटरव्यू दिखाना आचार संहिता का उल्लंघन है. आयोग ने कहा कि इंटरव्यू दिखाने वाले सभी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
चुनाव आयोग ने कहा है कि उस कानूनी प्रावधान का फिर से अध्ययन किया जाएगा, जिसके तहत यह नोटिस जारी किया गया था. नोटिस वापस लेने के साथ आयोग ने कहा, आयोग का मानना है कि डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काफी विस्तार हो चुका है, जिसके मद्देनजर आरपी एक्ट 1951 की धारा 126 और दूसरे संबंधित प्रावधानों पर फिर से चर्चा की आवश्यकता है.' आयोग इस पर जल्दी ही राजनीतिक दलों, मीडिया, एनबीए और अन्य पक्षों से विचार-विमर्श करेगा.
कांग्रेस ने ली चुटकी
चुनाव आयोग के इस आदेश पर तंज कसते हुए कांग्रेस ने कहा कि क्या चुनाव आयोग ने कहा है सिर्फ राहुल गांधी के इंटरव्यू को प्रसारित होने से रोकने के लिए यह नोटिस जारी किया था.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'अगर चुनाव आयोग श्री राहुल गांधी को जारी अपने नोटिस को वापस लेता है तो दो सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए. पहला यह कि क्या यह उनके इंटरव्यू को टीवी पर प्रसारित होने से रोकने की चाल भर थी और दूसरा यह कि क्या प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर कोई या किसी कार्रवाई से बचने के लिए ऐसा किया गया है?'
If Election Commission has withdrawn its notice issued to Sh. Rahul Gandhi, two bonafide questions must be asked-:
1. Was it a mere ploy to prevent TV channels from showing his interview? and
2. Is it a justification for no action or registration of an FIR against PM & Ministers?
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) December 17, 2017
चुनाव आयोग ने एक कमेटी के गठन का भी फ़ैसला लिया है जो मतदान के 48 घंटे पहले प्रचार पर रोक लगाने वाले कानून के संशोधन का प्रस्ताव देगा.