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गुजरात: बढ़ती कांग्रेस के साथ बढ़ा राहुल का वजन, अपनाएं ये गुजराती डाइट

गुजराती आतिथ्‍य-सत्‍कार की वजह से उनका वजन बढ़ता जा रहा है. पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में राहुल गांधी ने राज्‍य की लगातार कई यात्राएं कीं, जनसभाओं को संबोधित किया और कई स्‍वादिष्‍ट गुजराती पकवानों का आनंद लिया.

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गुजराती फूड का आनंद लेते राहुल गांधी
गुजराती फूड का आनंद लेते राहुल गांधी

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कांग्रेस अध्‍यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी ने अपने गुजरात चुनाव प्रचार अभियान की नए सिरे से शुरुआत एक आम शिकायत से की. गुजराती आतिथ्‍य-सत्‍कार की वजह से उनका वजन बढ़ता जा रहा है. पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में राहुल गांधी ने राज्‍य की लगातार कई यात्राएं कीं, जनसभाओं को संबोधित किया और कई स्‍वादिष्‍ट गुजराती पकवानों का आनंद लिया.

अपना नामांकन दाखिल करने के लिए तीन दिन का ब्रेक लेने के बाद वह फिर गुजरात दौरे पर कच्‍छ जिले के अंजार पहुंच गए हैं. उन्‍होंने अंजार में जनसभा के दौरान अपने समर्थकों से कहा, 'कल मेरी बहन मेरे घर आई, उसने कहा कि तुम्‍हारे किचन में तो सब गुजराती है. खाकरा गुजराती, अचार गुजराती, मूंगफली गुजराती. तो आप लोगों ने मेरी आदतें बिगाड़ दी हैं, मेरा वेट बढ़ रहा है.'

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इसके बाद उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर किए जा रहे तंज की चर्चा की. उन्‍होंने कहा, 'मैंने मोदी जी का कल का भाषण सुना. उनके भाषण का 60 फीसदी हिस्‍सा कांग्रेस और मेरे ऊपर था. यह चुनाव कांग्रेस या बीजेपी के बारे में नहीं है, यह गुजरात और यहां की जनता के भविष्‍य के बारे में है.'  

अंजार में पहले चरण में 9 दिसंबर को वोटिंग होनी है. इसके लिए तो 18 दिसंबर तक इंतजार करना होगा कि गुजरात का ऊंट किस करवट बैठता है. लेकिन राहुल गांधी का वजन बढ़ना चिंता की बात तो है, क्‍योंकि अगर खाने के तरीके में समझदारी न बरती जाए तो गुजराती फूड वजन बढ़ा देता है. अहमदाबाद में रहने वाली गुजराती डॉ. मीना शाह ने एक बार हमें बताया था कि गुजराती फास्‍ट फूड कल्‍चर की वजह से राज्‍य में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है.

गुजराती ज्‍यादा पसीना बहाए बिना काफी धन कमा रहे हैं और इसलिए वे बहुत ज्‍यादा एक्‍सरसाइज भी नहीं करते. इसके साथ ही उनके खानपान में मीठा ज्‍यादा होने से समस्‍या और बढ़ जाती है. उन्‍होंने कुछ आंकड़े देते हुए बताया था, 'गुजरातियों में युवाअवस्‍था में हार्ट अटैक आने के मामले दुनिया भर में सबसे ज्‍यादा देखे जाते हैं.' लेकिन अच्‍छे डॉक्‍टर की सलाह हमेशा मददगार होती है. डॉ. मीना शाह की सलाह पर काम करें तो राहुल गांधी अपने दैनिक आहार में थोड़ा बदलाव कर गुजरात दौरे का पूरा आनंद ले सकते हैं.

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आपको यदि गुजराती लोग मिठाइयां पेश करें (गुजराती लोगों की थाली में तमाम तरह की मिठाइयां भरी होती हैं) तो आप हाई कैलोरी वाले लड्डू, हलवा या जलेबी की जगह खीर, संदेश या फ्रूट सलाद खाना पसंद करें. यही नहीं, खाने के लिए टेबलस्‍पून की जगह टीस्‍पून का इस्‍तेमाल करें.

गुजराती लोग चाट की दुकान को स्‍वर्ग समझते हैं और अपने दोस्‍तों को भी वहां कुछ बेहतरीन खाने के लिए जोर देते हैं. लेकिन उनकी बातों में न आएं. इसकी जगह उनसे कुछ चटपटा मामरा, फल, भुने चने या सोयाबीन की मांग करें.

हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी ने रेलवे स्‍टेशन पर चाय बेची है. इसे खारिज करने की जरूरत नहीं है, लेकिन गुजरातियों द्वारा चाय की पेशकश को स्‍वीकार न करें. उनकी चाय ज्‍यादा दूध वाली और काफी मीठी होती है. अगर चाय पीना ही चाहते हैं तो उनसे कहें- 'पत्‍ती ठोकी ने, चीनी रोकी ने' यानी चायपत्‍ती ज्‍यादा, चीनी कम और दूध बस कुछ बूंदें हों.

आप गुजरातियों से वोट लेना चाहते हैं तो उनकी पूरी और गांठिया खाने से इनकार नहीं कर सकते. आप उनसे कहें तो कि गांठिया बहुत अच्‍छा है, लेकिन आपको मसाला खाकरा और चबानु भा गया है. आपको खाने में अचार मिला है तो अच्‍छी बात है, लेकिन उसकी जगह ताजी चटनी खाना पसंद करें.

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गुजराती लोग सोडा पसंद करते हैं, आप तो जानते हैं कि यह ड्राई स्‍टेट है? गुजरात में आपको तमाम तरह के सोडा मिलेंगे. लेकिन गैस वाले ड्रिंक पीने से बचें. इनकी जगह सादा पानी, नीबू पानी या छाछ पीएं.

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