गुजरात विधानसभा चुनाव में मणिशंकर अय्यर का बयान कांग्रेस के लिए गली की हड्डी बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अय्यर के बयान को लगातार मुद्दा बना रही है. अब इस कड़ी में पीएम मोदी ने अय्यर की पाकिस्तानी सेना और सरकार के पूर्व मंत्रियों से मुलाकात का दावा किया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस पर सवाल उठाए हैं. गांधीनगर में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मणिशंकर अय्यर ने पीएम पद की गरिमा को भुलाकर जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बोला उसे कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता.
उन्होंन कहा कि अय्यर ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को डिनर दिया था और इसकी सूचना सरकार को भी नहीं दी गई. अमित शाह ने कहा कि इससे पता चलता है उनकी सोच के पीछे कौन है.
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है. गुजरात चुनाव में भी जब उनको पहले फेस से पहले लगा कि कांग्रेस चुनाव हार रही है, तो उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति शुरू कर दी. राहुल गांधी कभी मंदिर मंदिर जा रहे हैं, कभी जातिवाद के आधार पर वोट मांग रहे हैं. जबकि बीजेपी विकास के नाम पर वोट मांग रही हैं. जो हमने विकास किया है. हम जनता से अपील कर रहे हैं कि विकास के नाम पर वोट दें.
अमित शाह ने यहां ये भी कहा कि मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को नीच कहा था. उसके बाद कांग्रेस के प्रवक्ता चरणजीत ने कहा 2002 दंगों के लिए प्रधानमंत्री को जामा मस्जिद में जाकर माफी मांगनी चाहिए. शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दी है. इस पूरे मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता का बयान भी वह 2017 के गुजरात चुनाव में वोट बैंक के मद्देनजर तुष्टिकरण की राजनीति को देखते हुए भी दिया गया है.