गुजरात विधानसभा चुनाव में सिर्फ वोट ही नहीं, बल्कि नारों और निजी हमलों को लेकर भी बड़े पैमाने पर सियासत हो रही है. एक तरफ जहां इस मसले पर चुनाव आयोग सख्त रवैया अपनाए हुए है, वहीं राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से विज्ञापनों की टैगलाइन गढ़ रहे हैं.
चुनाव आयोग ने बीजेपी के विज्ञापन से पप्पू शब्द हटाने का आदेश दिया तो पार्टी ने एक नए शब्द का इस्तेमाल कर लिया. बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान विज्ञापनों में पप्पू की जगह 'युवराज' शब्द का इस्तेमाल किया है.
दरअसल, निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी पर इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों में 'पप्पू' शब्द का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है. मंगलवार को ही इस संबंध में जानकारी सामने आई थी. जिसके बाद अब पार्टी ने अपने विज्ञापनों में इस शब्द को युवराज से बदल दिया है. चुनाव आयोग की मीडिया कमेटी ने भी इस शब्द को मंजूरी दे दी है.
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 15, 2017ये है पूरा मामला
दरअसल, गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अधीन मीडिया कमिटी ने पार्टी द्वारा पिछले महीने पेश किए गए विज्ञापनों की स्क्रिप्ट में इस्तेमाल कुछ शब्दों पर आपत्ति जताई थी. इनमें बीजेपी की स्क्रिप्ट में मौजूद पप्पू शब्द भी आयोग ने ऐतराज जताया था. आयोग ने पार्टी ने से इस शब्द को हटाने का आदेश दिया था.
हालांकि, बीजेपी की तरफ किसी पर निजी हमले न करने की दलील दी गई थी, लेकिन आयोग ने उसे नकार दिया. बता दें कि बीजेपी नेता अक्सर कांग्रेस उपाध्यक्ष के लिए इस शब्द का इस्तेमाल कर उपहास उड़ाते रहे हैं.
गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है. ऐसे में यहां दोनों पार्टियों ने प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक रखी है. जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख नजदीक आती जा रही है, टीवी-अखबारों से लेकर गुजरात की सड़कों पर विज्ञापनों की तादात भी बढ़ती जा रही है.