गुजरात चुनाव में ईसाई समुदाय को वोट और प्रार्थना सभा के लिए चिट्ठी लिखने पर गांधीनगर के पादरी को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है. जिला चुनाव अधिकारी ने आर्चबिशप को नोटिस भेजकर उनकी इस अपील पर सफाई मांगी है.
जिला चुनाव अधिकारी ने सफाई मांगते हुए लिखा है कि समुदाय से आपकी इस अपील को क्यों चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाए. दरअसल, आर्चबिशप के लेटर लिखने के बाद एक एनजीओ ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी, जिसके बाद आयोग ने ये नोटिस जारी किया है.
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले गांधीनगर के आर्चडायोसिस आर्चबिशप ने एक पत्र लिख कर ईसाई समुदाय के लोगों से देश को 'राष्ट्रवादी ताकतों' से बचाने की अपील की थी. आर्चबिशप ने कहा था कि अल्पसंख्यकों के बीच 'असुरक्षा की बढ़ती भावना' के बीच देश का 'लोकतांत्रिक ताना बाना' दांव पर है.
राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने अल्पसंख्यक समुदाय से विधानसभा चुनाव में उन उम्मीदवारों को चुनने में मदद करने की अपील की है, जो बगैर भेदभाव के हर मानव का सम्मान करते हों.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी ताकतें देश पर काबू करने के करीब हैं, इसलिए गुजरात मायने रखता है.
मैकवान ने 21 नवंबर की तारीख से एक आधिकारिक पत्र में ईसाइयों से प्रार्थना सेवाएं आयोजित करने की अपील की ताकि 'गुजरात विधानसभा चुनाव में हमारे ऐसे लोग चुने जाएं जो भारतीय संविधान के प्रति आज्ञाकारी रहें और बगैर किसी भेदभाव के हर मानव का सम्मान करें.'
आर्चबिशप की इसी अपील और टिप्पणी के खिलाफ आयोग में शिकायत की गई. जिसके बाद जिला चुनाव अधिकारी ने उनसे जवाब तलब किया है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग होनी है. जबकि वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी.