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अबकी बार-आंकड़ों से वार, चिदंबरम ने लगाई गुजरात पर ट्वीट्स की झड़ी

चिदंबरम ने पीएम मोदी के चुनाव प्रचार को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को कम से कम राज्यों के चुनावों में तो एक प्रधानमंत्री की हैसियत से बोलना चाहिए.

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पी.चिदंबरम
पी.चिदंबरम

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गुजरात चुनाव बेहद नजदीक है. ऐसे में सूबे की दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी बीजेपी जहां विकास के दावे कर रही है, वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता दावों की पोल खोलने का काम करने में जुटे हैं.

इसी सिलसिले में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुजरात के विकास को आधार बनाते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया है. चिदंबरम ने रविवार सुबह एक के बाद एक कई ट्वीट किए और विकास के पैमानों पर गुजरात की हकीकत बताने का दावा किया.

अपने पहले ट्वीट में चिदंबरम ने लिखा कि पिछले 57 सालों में देश के बाकी राज्यों की तरह गुजरात ने भी तरक्की की. गुजरात भी 1991 के आर्थिक उदारीकरण का लाभ पाने वाले राज्यों में से एक है, लेकिन वह अपवाद नहीं है.

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-दूसरे ट्वीट में चिदंबरम ने विकास के क्रम में गुजरात कहां खड़ा है, ये बताने की कोशिश की. उन्होंने लिखा कि सामाजिक प्रगति सूचकांक में देश के 29 राज्यों के साथ गुजरात 15वें स्थान पर आता है. यानी 14 राज्य गुजरात से ऊपर हैं और 14 उसके नीचे आते हैं.

-बुनियादी जरूरतों में गुजरात टॉप 5 में है, लेकिन जनकल्याण की सूची में वो पांचवें नंबर पर है. जबकि सूबे जनता के लिए अवसर पैदा करने की श्रेणी में गुजरात का 9वां नंबर है.

-दूसरे राज्यों की तरह ही गुजरात में भी लोग असंतुष्ट हैं. खासकर यहां किसान काफी दुखी हैं.

-सरदार सरोवर बांध गलत शासन का उदाहरण है. 18.45 लाख हेक्टेयर जमीन के एक-चौथाई से भी कम हिस्से को पानी मिला. 30 हजार किलोमीटर से ज्यादा नहरें अब भी अधूरी पड़ी हैं.

-दलित और आदिवासियों की अवहेलना की गई है. वो दमन और हिंसा के पीड़ित हैं. अल्पसंख्यकों को लगता है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है और उन पर एजेंडा थोपा जा रहा है.

-मोदी के मुख्यमंत्री बनने से बहुत पहले, भारतीय लोग और केंद्र सरकारों ने गुजरातियों की उपलब्धियों को सराहा, जिनमें महात्मा गांधी भी शामिल हैं.

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इसके अलावा चिदंबरम ने पीएम मोदी के चुनाव प्रचार को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को कम से कम राज्यों के चुनावों में तो एक प्रधानमंत्री की हैसियत से बोलना चाहिए.

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