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मोदी के गुजरात में ही जनता GST-नोटबंदी से असंतुष्ट, ये रहा सर्वे

नोटबंदी से कालेधन पर रोक जैसे तमाम सुधारों की बात की जा रही थी. पर फायदे से ज्यादा यह घाटे का सौदा बनते दिख रहा है. इस साल की तीसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई थी. कई विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में नोटबंदी को ही इसका कारण बताया.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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गुजरात चुनाव से पहले इंडिया टुडे- एक्सिस माइ इंडिया के ओपिनियन पोल में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर लोगों ने अपने विचार जाहिर किए. इन आंकड़ों की मानें तो जनता मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी से संतुष्ट नहीं है.

जीएसटी पर लोगों का क्या कहना है?

- 51 फीसदी लोग जीएसटी से असंतुष्ट हैं.

- 38 फीसदी लोग जीएसटी से संतुष्ट हैं.

- 11 प्रतिशत लोगों ने जीएसटी पर अपनी राय नहीं रखी.

नोटबंदी से क्या लाभ मिला?

- 44 फीसदी लोगों ने कहा हां

- 33 फीसदी लोगों ने कहा ना

- 3 फीसदी लोगों ने कोई विचार नहीं रखा

नोटबंदी से भी लाभ नहीं

इन आंकड़ों की मानें तो इन दोनों बड़े सुधारों से वहां की जनता नाखुश है. नोटबंदी पर फायदे की बात 44 फीसदी लोगों ने भले ही मानी है पर 53 फीसदी लोगों को इससे कोई फायदा नजर नहीं आता है.

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जीएसटी से भारी नाराजगी

सबसे नाखुश लोग जीएसटी पर हैं. गुजरात मुख्य रूप से एक कारोबारी राज्य है. ऐसे में यहां जीएसटी से 51 फीसदी लोगों की नाराजगी भारी पड़ सकती है.

साल भर पहले हुई थी नोटबंदी

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब एक साल पहले 8 नवंबर को ही नोटबंदी का ऐलान किया था. उन्होंने 500 और 1000 के नोट पर बैन लगा दिया था. 500 के नए नोट आए थे. उसके बाद 2000 के नए नोट भी बाजार में आए. नोटबंदी से कालेधन पर रोक जैसे तमाम सुधारों की बात की जा रही थी, पर फायदे से ज्यादा यह घाटे का सौदा बनते दिख रहा है. इस साल की तीसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई थी. कई विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में नोटबंदी को ही इसका कारण बताया.

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