चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू दिखाने वाले न्यूज चैनल के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. चुनाव आयोग के मुताबिक वोटिंग से ठीक एक दिन पहले इस तरह का इंटरव्यू दिखाना आचार संहिता का उल्लंघन है. आयोग ने कहा कि इंटरव्यू दिखाने वाले सभी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इंटरव्यू को दिखाने पर भी तत्काल रोक लगा दी है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. आयोग ने राहुल गांधी से 18 दिसंबर शाम पांच बजे तक जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने राहुल से पूछा कि आखिर आचार संहिता उल्लंघन करने पर आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? अगर राहुल गांधी 18 दिसंबर तक अपना जवाब नहीं देते हैं, तो आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.
दरअसल, आज ही एक गुजराती चैनल में राहुल गांधी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिखाया गया था, जिसमें राहुल ने गुजरात सरकार और मोदी सरकार जमकर हमला बोला. राहुल ने इंटरव्यू के जरिए पीएम मोदी से कई सवाल पूछे और उन्होंने दावा किया कि गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले राहुल के ये इंटरव्यू को लेकर बीजेपी ने सवाल खड़े कर दिए.
बीजेपी के मुताबिक चैनल ने चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन किया है और इस मामले की उसने चुनाव आयोग में शिकायत की, जिसके बाद आयोग ने चैनल पर शुरुआती कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए गुरुवार को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का गुजराती चैनल को दिया गया इंटरव्यू प्रसारित हुआ. इस पर गुजरात बीजेपी ने चुनाव आयोग में इंटरव्यू प्रसारित होने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.
मालूम हो कि राहुल गांधी का गुजराती चैनल को दिए इंटरव्यू में बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि गुजरात का चुनाव एक तरफा होने वाला है. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस नेताओं ने मुझे गुजरात में ज्यादा कैंपेन करने को मना किया था, लेकिन मुझे काम में इंट्रेस्ट है, रिजल्ट में नहीं. गीताजी में लिखा है- काम करो फल की चिंता मत करो. मैं उसी को मानता हूं.''
राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक पुरानी विचारधारा वाली पार्टी है. गुजरात में बीजेपी के पास कोई विजन नहीं है. मोदी ने गुजरात की जनता के सामने कोई विजन नहीं रख सके हैं. मोदी या तो अपनी बात करते रहे या फिर कांग्रेस के बारे में बोलते रहे लेकिन गुजरात के लिए उन्होंने कुछ नहीं कहा.