scorecardresearch
 

गुजरात की युवा 'त्रिमूर्ति' BJP के खिलाफ, क्या मोदी के गढ़ से फिरेंगे कांग्रेस के दिन?

हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी का समर्थन मिलना कांग्रेस के लिए इसलिए भी संजीवनी जैसा लग रहा है, क्योंकि गुजरात में पाटीदार और दलित समुदाय की आबादी 25 फीसदी है. पाटीदार 18 फीसदी और दलित 7 फीसदी हैं. खासकर तब जब पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत बीजेपी से सिर्फ नौ फीसदी कम रहा था.

Advertisement
X
अल्पेश और हार्दिक ने शनिवार को कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की
अल्पेश और हार्दिक ने शनिवार को कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की

Advertisement

गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह कांग्रेस और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का माहौल बदला है, उससे कांग्रेस की उम्मीदें जाग गई हैं. गुजरात में बीते दिनों दलित एवं ओबीसी समुदाय के बीच असंतोष की आवाज बन चुके हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर द्वारा बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के समर्थन में उतरने के साथ ही गुजरात में कांग्रेस का कायाकल्प होने की संभावना और प्रबल हो गई है.

शनिवार को ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की और कांग्रेस को समर्थन देने का वादा कर दिया. पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी आजतक से कांग्रेस को समर्थन देने का खुलासा कर दिया है. दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात तो नहीं की है, लेकिन बीजेपी को हराने का दम वह लगातार भरते रहे हैं.

Advertisement

गुजरात में आदिवासी समुदाय के बीच पहले से बेहतर जनाधार वाली कांग्रेस को दलित और ओबीसी समुदाय के इन लोकप्रिय नेताओं का समर्थन मिलने के साथ कांग्रेस की नजरें निश्चित तौर पर गुजरात के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में दमदार वापसी पर हैं.

हार्दिक, अल्पेश का समर्थन का एलान

हार्दिक पटेल के पाटीदार आरक्षण आंदोलन का ही असर था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात के अपने पिछले दौरों पर इस समुदाय को रिझाते नजर आए. हार्दिक पटेल ने शनिवार को मुद्दों के आधार पर कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. वहीं अल्पेश ठाकोर ने दिल्ली में कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के साथ राहुल गांधी से मुलाकात की.

हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी का समर्थन मिलना कांग्रेस के लिए इसलिए भी संजीवनी जैसा लग रहा है, क्योंकि गुजरात में पाटीदार और दलित समुदाय की आबादी 25 फीसदी है. पाटीदार 18 फीसदी और दलित 7 फीसदी हैं. खासकर तब जब पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत बीजेपी से सिर्फ नौ फीसदी कम रहा था.

कांग्रेस मुक्त से कांग्रेस वापसी की ओर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 2014 में बीजेपी ने केंद्र में सत्ता संभालने के साथ कांग्रेस मुक्त का नारा दिया. उसके बाद एक-एक कर बीजेपी कई राज्यों में सरकार बनाने में सफल भी रही. लेकिन बीते कुछ महीनों से जिस तरह पंजाब और पुदुचेरी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी हुई, महाराष्ट्र के नांदेड़ निकाय चुनाव में एकतरफा जीत मिली, केरल के वेंगारा उपचुनाव में कांग्रेस के समर्थन वाली वाम मोर्चा के प्रत्याशी को जीत मिली और पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ को एकतरफा जीत मिली, उससे लगने लगा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में वापसी की ओर है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement