बीजेपी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव नाक का सवाल बना हुआ है. ऐसे में पाटीदारों के वोट पर बीजेपी की खास नजर है. हालांकि पाटीदार आंदोलन से उपजे नेता हार्दिक पटेल और हाल के दिनों में राहुल गांधी की जोरदार कोशिश की वजह से पटेल-पाटीदारों बीजेपी से दूर होते नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदारों के वोट के लिए बीजेपी ने एक खास योजना तैयार की है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तैनात बीजेपी प्रेक्षक प्रभावशाली पटेल समुदाय में कई गुट होने की बात कह रहे हैं. उनके अनुसार इस वजह से बीजेपी को चुनाव में कोई झटका नहीं लगने जा रहा है. प्रेक्षकों का मानना है कि एक मजबूत संगठनात्मक व्यवस्था से बीजेपी लगातार छठी बार गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सकती है. प्रेक्षकों का यह भी मानना है कि पाटीदारों को साधने में बीजेपी को हाल ही अधिकृत सरदार सरोवर डैम से भी मदद मिलने की उम्मीद है.
गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी देख रहे एक बीजेपी लीडर ने बताया कि पटेल कम्युनिटी में ज्यादातर लोग शिक्षा समेत अलग अलग बिजनेस से जुड़े हुए हैं. खास बात यह है कि इनमें से कई बीजेपी के पिछले पांच साल के शासन के दौरान शुरू हुए हैं.
गुजरात में ज्यादातर समय पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार रही है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी देख रहे एक बीजेपी लीडर का माना है कि पटेल समुदाय राज्य में कमजोर सरकार नहीं चाहेगा. गुजरात में 52 यूनिवर्सिटीज हैं, इनमें से बस 7 सरकारी हैं. वहीं अन्य 45 यूनिवर्सिटीज का आधिपत्य पटेल समुदाय के पास है.
बीजेपी नेता ने बताया कि शिक्षा का निजीकरण पॉलिसी नरेंद्र मोदी के गुजरात के शासन काल से जुड़ी हुई है, ऐसे में पटेल समुदाय जानते हैं कि इस राज्य में बीजेपी सरकार का क्या महत्व है. यूनिवर्सिटीज के अलावा राज्य के कई शिक्षण संस्थान और स्कूल पर पटेल समुदाय का मालिकाना हक है.
बीजेपी के सूत्र ने उदाहरण देते हुए मेहसाना के गणपत यूनिवर्सिटी का जिक्र किया. इस यूनिवर्सिटी पर बीजेपी के मंत्री अनिल पटेल और उनके परिवार का मालिकाना हक हैं. वहीं कलोल में कई शिक्षण संस्थान पटेल समुदाय के पास है. निरमा यूनिवर्सिटी, डीडी देसाई यूनिवर्सिटी, चारूसैट यूनिवर्सिटी और नवरचना यूनिवर्सिटी भी पटेल समुदाया का मालिकाना हक है.
सरदार सरोवर डैम से उपजे विस्थापन जैसे विवादों के बावजूद बीजेपी को उम्मीद है और वह दावा कर रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट से काफी फायदा पहुंचेगा. आधिकारियों के दावे के अनुसार 18.45 लाख हेक्टेयर की जमीन को सिंचित करने के लिए पानी उपलब्ध होगा. इससे कृषि उत्पादन प्रति साल 87 लाख टन बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही इससे 9500 गांवों और 173 शहरों तक पानी पहुंचाया जाएगा. इनमें ज्यादातर इलाके सूखे और झुलसे से त्रस्त है.
बीजेपी ने कार्यकर्ताओं की एक मजबूत टीम भी लगाई हुई है. इसका मकसद हर लेवल पर सरकार विरोधी बातों को रोकना और सरकार की सफलता को लोगों तक पहुंचाना है. पार्टी ने दावा किया है कि उसने बूथ लेवल पर 7 लाख से ज्यादा इनचार्ज को तैनात किया है. इनका प्रमुख मकसद वोटरों को पोलिंग स्टेशनों तक लाना है. साथ ही पार्टी 60 शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में अपनी मजबूत प्रभाव बरकरार रखने की उम्मीद है. इससे गुजरात विधानसभा चुनाव जीतना उसके लिए आसान हो जाएगा. बीजेपी ने आखिरी बार गुजरात विधानसभा चुनाव में 1990 में हार का सामना किया था. 1995 से अब तक बीजेपी की सरकार रही है.